कोलकाता। पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव (West Bengal Assembly Election 2021) के नतीजे आने के बाद राजनीतिक दल अपनी-अपनी हार की समीक्षा कर रही है। इसी कड़ी में CPM बंगाल के सदस्यों ने हार पर मंथन के लिए दो दिनों की रिव्यू मीटिंग बुलाई थी। बता दें कि इस बार के चुनाव में पार्टी को करारी हार का सामना करना पड़ा। विधानसभा की 294 सीटों में से CPM को एक भी सीट पर जीत नहीं मिली।
CPM के ज्यादातर नेताओं ने माना कि पार्टी के लिए सिर्फ एक महीने पुरानी इंडियन सेकुलर फ्रंट (ISF) से हाथ मिलाना मंहगा पड़ा। पार्टी ने ये भी साफ कर दिया कि अगर कांग्रेस और ISF से गठबंधन टूट जाता है तो फिर वो इसके लिए ज़िम्मेदार नहीं होंगे।
बता दें कि इस बार चुनाव से पहले कांग्रेस और लेफ्ट के साथ इंडियन सेकुलर फ्रंट ने एक मोर्चा तैयार किया था. इस मोर्चे का मकसद था TMC और BJP को टक्कर देना। फुरफुरा शरीफ के धार्मिक नेता अब्बास सिद्दीकी ISF के मुखिया थे। चुनाव में लेफ्ट और कांग्रेस को एक भी सीट पर जीत नहीं मिली। जबकि ISF को 27 में से सिर्फ एक सीट पर कामयाबी मिली।