कोलकाता। पश्चिम बंगाल में राज्यसभा की सात सीटों पर चुनाव होने हैं। इन में से छह पर चुनाव होंगे जबकि एक पर उपचुनाव होना है। छह में से पांच सीटें तृणमूल की झोली में जाएंगी क्योंकि 213 से अधिक विधायक सत्तारूढ़ पार्टी के हैं जबकि एक सीट पर भारतीय जनता पार्टी जीत दर्ज करेगी। इसके लिए पार्टी ने पांच उम्मीदवारों का नाम तय किया है। पार्टी सूत्रों ने शनिवार को बताया है कि ऐसे लोगों के नामों की सूची बनाई गई है जो लंबी रेस के घोड़े हैं।
ऐसे लोग जो राज्यसभा का पद हासिल करने के बाद पार्टी से कट के रहे हैं अथवा अपने लिए अलग से राजनीतिक गोल सेट करते रहे हैं ऐसे लोगों से इस बार पार्टी ने किनारा करने का मन बनाया है। प्रदेश भाजपा के एक वरिष्ठ नेता ने बताया कि पहले भी बंगाल भाजपा ने कई लोगों को राज्यसभा भेजा लेकिन ऐसे अधिकतर लोग पार्टी के काम नहीं आ सकें। उन्होंने अपनी निजी महत्वाकांक्षा को महत्व दिया।
ऐसे लोगों की सूची बनाई गई है जो पार्टी के प्रति बिल्कुल वफादार और लंबे समय से हित चिंतक रहे हैं। इन सभी लोगों के नामों की सूची केंद्रीय नेतृत्व को भेजा गया है। वहां से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह किसी एक नाम को अनुमति देंगे।उल्लेखनीय है कि बंगाल विधानसभा में भारतीय जनता पार्टी के करीब 70 विधायक हैं।
राज्यसभा में एक व्यक्ति को भेजने के लिए कम से कम 49 विधायकों के समर्थन की जरूरत पड़ती है इसलिए केवल एक व्यक्ति ही राज्यसभा जा सकेंगे। खास बात यह है कि भारतीय जनता पार्टी से पहले 1952 में जनसंघ के प्रतिनिधि के तौर पर देव प्रसाद घोष वह पहले व्यक्ति थे जो बंगाल से भगवा खेमे की ओर से राज्यसभा में गए थे। अब 71 वर्षों बाद ऐसा होने जा रहा है।