Kolkata Desk : मुकुल रॉय को PAC का अध्यक्ष कैसे बनाया गया? कलकत्ता उच्च न्यायालय ने विधान सभा के अध्यक्ष से पूछा। कोर्ट ने 12 अगस्त तक हलफनामा दाखिल करने का निर्देश दिया। विधानसभा चुनाव के बाद मुकुल भाजपा छोड़कर TMC में लौट गए थे। मुकुल रॉय के विधायकी को बर्खास्त करने के लिए भाजपा शिविर पूरी तयारी से लगा हुआ है। कुछ दिन पहले विधानसभा में दूसरी सुनवाई भी हुई थी।
भाजपा संसदीय दल ने मामले के शीघ्र निपटारे की मांग को लेकर अदालत जाने का फैसला किया है। विपक्ष के नेता सुभेंदु ने स्पष्ट किया है, ‘यदि आप राज्यसभा में खुले मतदान से मतदान करते हैं, तो आपको अन्य राज्यों से शिकायत करने की आवश्यकता नहीं है। अगले दिन विधायक पद रद्द कर दिया गया। पिछले 10 सालों में इस राज्य में एक भी दलबदल विरोधी कानून लागू नहीं हुआ है।
अतः तय समय में सुनवाई हो सके इसीलिए अदालत के हस्तक्षेप की मांग करने के बारे में सोचा है ताकि तय समय के भीतर सुनवाई का निपटारा किया जा सके। मैं इसे अगस्त में करूंगा’। इस बीच विधानसभा अध्यक्ष ने (लिखित रूप से अभी भी भाजपा विधायक) मुकुल रॉय को पीएससी का अध्यक्ष नियुक्त किया है। उन्होंने विपक्ष की आपत्तियों पर ध्यान नहीं दिया।
बीजेपी के विधायक न केवल विधानसभा की सभी समितियों से सामूहिक रूप से इस्तीफा दे दिया है बल्कि पीएसी वितर्क को लेकर भाजपा विधायक अंबिका रॉय ने जनहित याचिका भी दायर की है। न्यायाधीश महोदय ने उसी मामले में स्पीकर को हलफनामा तलब किया है।