कोलकाता। कलकत्ता हाई कोर्ट ने उत्तर दिनाजपुर के इस्लामपुर स्थित दाड़ीभीट हाई स्कूल के दो पूर्व छात्रों की कथित पुलिस फायरिंग में मौत के मामले की जांच एनआईए को सौंप दी है। जस्टिस राजशेखर मंथा की पीठ ने इसके साथ ही पीड़ित परिवारों को तत्काल आर्थिक सहायता देने का भी निर्देश दिया। वर्ष 2018 में शिक्षकों की भर्ती के मुद्दे पर स्कूली छात्रों ने आंदोलन किया था। उस समय वहां लाठीचार्ज, पथराव, बम फोड़ने और फायरिंग के भी आरोप लगे थे।
उस हिंसा के दौरान राजेश सरकार और तापस बर्मन नामक दो छात्रों की गोली लगने से मौत हो गई थी। इस मामले की जांच सीबीआई से कराने की मांग को लेकर पीड़ित परिवारों और स्थानीय लोगों ने करीब दो महीने तक आंदोलन किया था। इसके कारण वह स्कूल दो महीने बंद रहा था।
घटना के पांच दिनों बाद सीआईडी ने इसकी जांच शुरू की थी लेकिन अदालत का कहना था कि दोनों युवकों की मौत की वजह की जांच सही तरीके से आगे नहीं बढ़ी है। सीआईडी की टीम अब तक यह पता नहीं लगा सकी है कि किस हथियार का इस्तेमाल किया गया था। उस समय स्थानीय लोगों ने पुलिस पर फायरिंग का आरोप लगाया था।
लेकिन पुलिस ने इसे निराधार बताया था। इस मामले में राज्य मानवाधिकार आयोग से भी रिपोर्ट मांगी गई थी। हाई कोर्ट ने आयोग और पुलिस की भूमिका पर भी असंतोष जताया है। जस्टिस राजशेखर ने सवाल किया कि भीड़ को तितर-बितर करने के लिए पुलिस ने हवा में गोलियां क्यों नहीं चलाई थी?