बंगाल : कलकत्ता हाईकोर्ट में चुनाव के बाद हिंसा मामलों पर सुनवाई आज

कोलकाता। पश्चिम बंगाल में लोकसभा चुनाव के बाद हुई हिंसा मामलों पर कलकत्ता हाईकोर्ट में मंगलवार (18 जून) को सुनवाई होगी। हाईकोर्ट आज तय करेगा कि राज्य में 21 जून के बाद केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल (CAPF) की तैनाती रहेगी या नहीं। चुनाव आयोग की अपील पर गृह मंत्रालय ने 3 जून को बंगाल में CAPF की 400 कंपनियां की तैनाती 15 दिनों के लिए बढ़ा दी थी।

इसके तहत 19 जून तक करीब 40 हजार से अधिक जवानों को बंगाल के अलग-अलग जिलों में रहना है। इससे पहले CAPF को काउंटिंग के दो दिन बाद 6 जून तक राज्य में रहना था। बंगाल में 19 अप्रैल से लेकर 1 जून तक सभी सात चरणों में मतदान हुआ था। 4 जून को नतीजे आए थे।

राज्य की 42 सीटों में तृणमूल कांग्रेस (TMC) ने 29 सीटें जीती थीं। भाजपा सिर्फ 12 सीटों पर जीत पाई थी। भाजपा विधायक और पश्चिम बंगाल विधानसभा में विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी ने हाईकोर्ट में दावा किया था कि चुनाव के बाद राज्य में हिंसा की कई घटनाएं हो रही हैं। शुभेंदु की याचिका पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने 12 जून को बंगाल में केंद्रीय बलों की तैनाती 21 जून तक बढ़ाने का आदेश दिया था।

इधर, हिंसा की स्थिति का जायजा लेने के लिए भाजपा की चार सदस्यीय फैक्ट फाइंडिंग टीम मंगलवार को दक्षिण 24 परगना जिले पहुंची है। सांसद बिप्लब कुमार देब टीम के संयोजक हैं। पूर्व केंद्रीय मंत्री और सांसद रविशंकर प्रसाद, सांसद बृजलाल और सांसद कविता पाटीदार टीम की सदस्य हैं।

भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने बंगाल के हिंसा प्रभावित इलाकों में स्थिति का जायजा लेने और आगे की रिपोर्ट देने के लिए 10 जून को चार सदस्यीय फैक्ट फाइंडिंग टीम बनाई थी। ये टीम रविवार (16 जून) की शाम कोलकाता पहुंची थी। सोमवार (17 जून) को टीम ने डायमंड हार्बर, कुलतली और संदेशखाली में हिंसा प्रभावित इलाकों का दौरा किया।

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