कोलकाता। पश्चिम बंगाल में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस (TMC) राज्य विधानसभा के आगामी सत्र में कथित तौर पर ‘राजनीतिक बदले’ के लिए केंद्रीय एजेंसियों के ‘दुरुपयोग’ के खिलाफ प्रस्ताव लाने की योजना बना रही है। बताया जा रहा है कि विधानसभा का विस्तारित मानसून सत्र 14 सितंबर को शुरू होगा और 22 सितंबर तक इसके जारी रहने की उम्मीद है। राज्य के संसदीय कार्यमंत्री सोभनदेब चटोपाध्याय ने बताया कि ‘सत्र में प्रस्ताव लाने पर चर्चा की गई है, लेकिन अंतिम निर्णय नहीं लिया गया है। इस पर आने वाले कुछ दिनों में फैसला लिया जाएगा और प्रस्ताव अगले सप्ताह कार्य मंत्रणा समिति की होने वाली बैठक में रखा जाएगा।’
तृणमूल कांग्रेस (TMC) विधायक दल के सूत्रों के मुताबिक बदले के लिए केंद्रीय एजेंसियों के ‘राजनीतिक हथियार के तौर पर दुरुपयोग’ के खिलाफ प्रस्ताव लाने की योजना बनाई गई है। तृणमूल कांग्रेस के वरिष्ठ विधायक ने कहा, ‘न केवल पश्चिम बंगाल बल्कि भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने केंद्रीय अन्वेषण ब्यरो (CBI) और प्रवर्तन निदेशालय (ED) का इस्तेमाल विपक्षी पार्टियों द्वारा शासित दूसरे राज्यों में भी किया है। एजेंसियों ने भाजपा नेताओं के खिलाफ भ्रष्टाचार के मामलों से मुंह मोड़ लिया है।
गौरतलब है कि तृणमूल कांग्रेस (TMC) को झटका देते हुए वरिष्ठ नेता पार्थ चटर्जी और अनुब्रत मंडल को ईडी और सीबीआई ने गिरफ्तार किया है। पूर्व शिक्षा मंत्री चटर्जी को ईडी ने जुलाई महीने में स्कूलों में भर्ती में हुए कथित घोटाले के सिलसिले में गिरफ्तार किया जबकि तृणमूल कांग्रेस की बीरभूम इकाई के अध्यक्ष मंडल को सीबीआई ने मवेशियों की तस्करी मामले में पिछले महीने गिरफ्तार किया।
बीजेपी ने कहा कि वह सदन में लाए जाने वाले ऐसे किसी भी प्रस्ताव का विरोध करेगी। पश्चिम बंगाल विधानसभा में भाजपा के मुख्य सचेतक मनोज तिग्गा ने कहा,‘अगर किसी ने कोई गलत काम नहीं किया है, तो वह केंद्रीय एजेंसी का सामना करने को लेकर क्यों भयभीत है? कानून अपना काम करेगा। भाजपा किसी जांच को प्रभावित नहीं करती। हम सदन के पटल पर ऐसे किसी भी प्रस्ताव का विरोध करेंगे।’