कोलकाता। पश्चिम बंगाल के परिवहन मंत्री फिरहाद हकीम ने विधानसभा को सूचित किया कि राज्य सरकार कोलकाता के भीड़भाड़ वाले इलाकों से ट्राम को चरणबद्ध तरीके से हटाने के प्रस्ताव पर विचार कर रही है। उन्होंने बताया कि बिजली से संचालित इस सार्वजनिक परिवहन प्रणाली को सिर्फ उन इलाकों में बरकरार रखा जाएगा, जहां की सड़कें चौड़ी हैं। उन्होंने बताया कि बिजली से संचालित इस सार्वजनिक परिवहन प्रणाली को सिर्फ उन इलाकों में बरकरार रखा जाएगा, जहां की सड़कें चौड़ी हैं।
राज्य विधानसभा में पूछे गए एक सवाल का जवाब देते हुए हकीम ने कहा कि सरकार खिद्दरपुर-एस्प्लेनेड जैसे मार्गों पर पर्यावरण के अनुकूल ट्राम चलाने के पक्ष में है, लेकिन रवींद्र सरानी जैसे व्यस्त इलाकों के संकरे हिस्सों में नहीं, क्योंकि इससे ट्रैफिक जाम की समस्या सामने आती है।
मंत्री ने कहा, “उन हिस्सों में जहां ट्राम लाइन सड़क के बीच से होकर गुजरती है, वहां हमारे पास इसे चरणबद्ध तरीके से खत्म करने के अलावा और कोई विकल्प नहीं है और संभवत: ट्राम को नयी ट्रॉली बसों से बदला जाएगा, जो ऊपर से गुजराने वाले बिजली के तारों से बिजली लेंगी।”
परीक्षण के लिए एक ट्रॉली बस यूरोप से मंगाई जा रही है। हकीम ने यह भी बताया कि इलेक्ट्रिक वाहनों की उत्पादन लागत ईंधन से चलने वाले वाहनों की लागत से आधी हो सकती है, लेकिन उन वाहनों में इस्तेमाल की जाने वाली लीथियम बैटरी कुल खर्च बढ़ा देती है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार को उन देशों के साथ समझौता करना चाहिए था, जो कम कीमत पर लीथियम खनिज की आपूर्ति कर सकते हैं।