कोलकाता : बंगाल के मंत्री सुब्रत साहा दुर्घटना में घायल हुए एक परिवार के सदस्यों से मिलकर लौट रहे थे, तभी उन पर और उनकी गाड़ी पर हमला हुआ। इस घटना में मंत्री को कोई चोट नहीं आई और वे बाल-बाल बच गए। तृणमूल में खुलकर सामने आई गुटबाजी, मंत्री सुब्रत साहा पर भीड़ ने किया हमला, बाल-बाल बचे।
पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव के बाद विभिन्न हिस्सों से तृणमूल कांग्रेस के बीच की गुटबाजी बार-बार सामने आ रही है। इस बार राज्य मंत्री सुब्रत साहा को पार्टी कार्यकर्ताओं के विरोध का सामना करना पड़ा। मंत्री सुब्रत साहा और विधायक जीवन कृष्ण साहा को हल्की चोट लगी है। आरोप है कि उनके वाहनों में भी तोड़फोड़ की गई। वे मुर्शिदाबाद जिले में दुर्घटना में शोकग्रस्त परिवार से मिलने के लिए बुधवार को ये नेता गए थे और उसी समय उन पर हमला हुआ।
दोपहर में मंत्री सुब्रत साहा और विधायक जीवन कृष्ण साहा परिवार से मिलने पहुंचे। कथित तौर पर उस समय उन पर तृणमूल के युवा अध्यक्ष मेयर आलम और प्रखंड अध्यक्ष गोलम मुर्शेद और उनकी पार्टी ने अचानक हमला कर दिया। मंत्री और विधायक की कार में तोड़फोड़ की. उन पर मारपीट का भी आरोप है।
पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि साहा एक दुर्घटना में घायल हुए एक परिवार के सदस्यों से मिलकर लौट रहे थे, तभी यह घटना घटी। हालांकि, घटना में मंत्री को कोई चोट नहीं आई और वे बाल-बाल बच गए। राज्य के खाद्य प्रसंस्करण और बागवानी मंत्री साहा इलाके में दुर्घटना पीड़ित के घर से बाहर आ रहे थे, उसी दौरान भीड़ ने उनकी गाड़ी पर ईंटें फेंकी जिससे गाड़ी की खिड़की का कांच टूट गया। अधिकारी ने बताया, वहां मौजूद पुलिस अधिकारियों ने उन्हें (मंत्री को) वहां से सुरक्षित बाहर निकाला।
हमने मामले की जांच शुरू कर दी है। उन्होंने कहा कि यह स्पष्ट नहीं है कि साहा को निशाना क्यों बनाया गया, लेकिन उनकी पार्टी की एक बैठक पास में ही चल रही थी और वहां मौजूद लोगों ने ही उन पर हमला किया। इधर, मंत्री पर हमले की इस घटना ने एक बार फिर राज्य में कानून व्यवस्था की स्थिति पर सवाल खड़ा कर दिया है।
उल्लेखनीय है कि इसी साल फरवरी में मुर्शिदाबाद जिले में ही राज्य के तत्कालीन श्रम राज्यमंत्री व तृणमूल कांग्रेस के विधायक जाकिर हुसैन पर भी बम से हमला हुआ था। हमले में मंत्री समेत दो लोग गंभीर रूप से घायल हो गए थे। हुसैन कोलकाता जाने के लिए ट्रेन पकड़ने के लिए मुर्शिदाबाद के निमतिता रेलवे स्टेशन पर 18 फरवरी की देर शाम इंतजार कर रहे थे, उसी समय रात करीब 10 बजे अज्ञात हमलावरों ने उन पर बम से हमला किया था।