Bengal Durga Puja 2021: विजया दशमी पर ‘मां दुर्गा’ की विदाई

बंगाल में ‘सिंदूर खेला’ का है विशेष महत्व

Kolkata: आज शुक्रवार विजयदशमी पर मां दुर्गा की विदाई होगी और विदाई से पहले होगा ‘सिंदूर खेला’। इसमें पूजा मंडप और आसपास की महिलाओं समेत जिन घरों में मां की प्रतिमा स्थापित की गई है वहां बड़ी संख्या में सुहागन दैनिक तौर पर लगाई जाने वाली सिंदूर को लेकर मां के चरणों में लगाती हैं। उसके बाद उसी सिंदूर से अन्य सुहागन महिलाएं एक दूसरे की मांग भरेंगी।

गुरुवार को महानवमी के साथ ही पश्चिम बंगाल में दुर्गा पूजा घूमने का उत्साह लगभग खत्म हो जाता है और विजया दशमी के दिन प्रतिमा विसर्जन की तैयारियां शुरू हो जाती है। कोलकाता में आयोजित कमोबेश चार हजार दुर्गा प्रतिमाओं का विसर्जन शुक्रवार को शुरू हो जाएगा लेकिन इसी दिन राज्य में ‘सिंदूर खेला’ का एक अलग प्रचलन है जो राज्य की दुर्गा पूजा को बाकी देश से खास बनाता है।

दरअसल सैकड़ों सालों से राज्य के जमींदार घराने और रजवाड़े में मां दुर्गा की पूजा धूमधाम से होती रही है एवं सालों पहले इस ‘सिंदूर खेला’ की शुरुआत हो गई थी। हाईकोर्ट ने भी कोरोना महामारी के मद्देनजर सीमित संख्या में पूजा पंडालों में सिंदूर खेला की इजाजत दी है। कलकत्ता हाईकोर्ट ने भी ‘सिंदूर खेला’ के लिए बड़े पूजा पंडालों में 60 और छोटे पंडालों में 15 लोगों के प्रवेश की अनुमति दी है।

‘सिंदूर खेला’ में पूजा मंडप और आसपास की महिलाओं समेत जिन घरों में मां की प्रतिमा स्थापित की गई है, वहां बड़ी संख्या में सुहागन प्रतिदिन लगाई जाने वाली सिंदूर को लेकर मां के चरणों में लगाती हैं। उसके बाद उसी सिंदूर से अन्य सुहागन महिलाएं एक-दूसरे का मांग भरती हैं। साथ ही उसे अबीर की तरह गालों पर भी लगाया जाता है। महिलाएं इसके साथ ही नाचती गाती हैं और झूमती भी हैं। दशमी के दिन कोलकाता समेत राज्यभर में सिंदूर खेला की धूम मची हुई है। इसके लिए महिलाओं ने पहले से ही तैयारी शुरू कर देती हैं।

कलकत्ता हाईकोर्ट ने भी ‘सिंदूर खेला’ के लिए बड़े पूजा पंडालों में 60 और छोटे पंडालों में 15 लोगों के प्रवेश की अनुमति दी है। हाटखोला के दत्त बाड़ी में तो अष्टमी के दिन ही ‘सिंदूर खेला’ संपन्न हो गया है लेकिन कोलकाता के अन्य जमींदार घराने जैसे शोभा बाजार राजबाड़ी, बनर्जी बाड़ी और बोस परिवार में बड़े पैमाने पर ‘सिंदूर खेला’ की तैयारियां गुरुवार नवमी से ही शुरू कर दी गई है। महिलाएं इसके लिए सिंदूर और पहनने के लिए कपड़े पहले से ही तैयार कर रख चुकी होती है।

एक महिला ने बताया कि दुर्गा पूजा के अंत में ‘सिंदूर खेला’ महिलाओं के लिए बेहद अहम है क्योंकि मां दुर्गा के आशीर्वाद से सुहाग की लंबी उम्र की कामना की जाती है। ऐसी कोई महिला नहीं होगी जो अपने सुहाग को दीर्घायु नहीं बनाना चाहती हो। इसीलिए काफी धूमधाम से यहां यह खेल खेला जाता है। शुक्रवार सुबह से ही इसकी शुरुआत हो चुकी है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

twenty − 6 =