कोलकाता। बढ़ती महंगाई से किसानों को रबी की खेती की चिंता सताने लगी है। इलमबाजार ब्लॉक के जॉयदेव केंदुली इलाके के सभी किसान समतल यानी नदी बेल्ट क्षेत्र के भीतर खेती करते हैं। अब पूर्ण रबी की खेती के दौरान आलू, सरसों, जौ, गेहूं आदि की खेती कीजाती है। आए दिन किसान अलग-अलग जगहों से कर्ज लेकर कुछ मुनाफा और जीवन यापन के लिए खेती करते हैं। कृषकों की एकमात्र आजीविका खेती ही है।
रासायनिक खाद, ट्रैक्टर, लेबर, सबमर्सिबल पानी, बिजली बिल समेत कई चीजों के दाम बढ़ने से किसान परेशान हैं। पत्रकारों से मुखातिब साधन राय ने कहा कि हमारा परिवार खेती से जीवन यापन करता है लेकिन हम कर्ज लेकर यह खेती कर रहे हैं, लेकिन मुझे नहीं पता कि इस खेती से हमें कितना मुनाफा होगा।
क्योंकि हम कमोडिटी की कीमतों में बढ़ोतरी को लेकर थोड़े चिंतित हैं। उन्होंने यह भी कहा कि हम आलू, गेहूं, जौ, मक्का, सरसों के अलावा गेंदा फूल की खेती करते हैं. खेती हमारे अस्तित्व और पारिवारिक जीवन की एकमात्र कुंजी है। जॉयदेव केंदुली क्षेत्र के संतोषपुर गांव में हर साल लगभग 800 से 1000 बीघे आलू की खेती होती है।
हमारा क्षेत्र या गाँव मुख्य कृषक गाँव है। खेती के आधार पर हम सभी सांसारिक या आजीविका संबंधी कार्य करते हैं और निर्भर होते हैं। लेकिन अगर रासायनिक खाद, ट्रैक्टर और बिजली के बिल और मजदूरी जैसे कृषि आदानों की कीमत कम या उसके बराबर होती तो शायद हमें फसल पर थोड़ा लाभ देखने को मिलता।