Kolkata : विधानसभा चुनाव के बाद हुई हिंसा की CBI द्वारा पूरे राज्य में जांच पड़ताल लगातार जारी है। इसी मामले में सीबीआई की एक टीम आज नंदीग्राम जाएगी और चुनाव बाद हिंसा के मामलों की जांच पड़ताल करेगी। नंदीग्राम-सीतलकुची हिंसा के मामले में CBI ने एफआईआर दर्ज की है। राज्य सरकार द्वारा SIT का अभी तक गठन नहीं होने पर हाई कोर्ट की नजर है। सीबीआई ने नंदीग्राम और सीतलकुची में हिंसा की घटना को लेकर 3 एफआईआर दर्ज किया है।
इस तरह से कुल एफआईआर की संख्या बढ़कर 31 हो गई है। दूसरी ओर, कलकत्ता हाई कोर्ट के आदेश के मुताबिक SIT का गठन नहीं होने को लेकर आज हाईकोर्ट में कार्यकारी मुख्य न्यायाधीश राजेश बिंदल की अदालत में मामला उठा है। इस पर उन्होंने कहा कि मामले पर कोर्ट की नजर है। उल्लेखनीय है कि कलकत्ता हाई कोर्ट ने सीबीआई जांच के साथ-साथ SIT गठन का भी निर्देश दिया था, लेकिन अभी तक ममता सरकार ने एसआईटी का गठन नहीं किया है।
सीबीआई के अधिकारियों ने दक्षिण 24 परगना, हावड़ा, बीरभूम, झाड़ग्राम और बांकुड़ा सहित विभिन्न हिंसा प्रभावित इलाकों का दौरा कर रहे हैं और मृतकों के परिजनों से भी मुलाकात कर रहे हैं। ज्ञातव्य है कि चुनाव के बाद नंदीग्राम में हिंसा का आरोप लगा था तथा सीतलकुची में चुनाव के दिन फायरिंग में 4 लोगों की मौत हुई थी। चुनाव के दौरान भीड़ द्वारा केंद्रीय बल को रोकने की कोशिश को नाकाम करने के लिए केंद्रीय बल ने गोली चलाई थी। यह मामला काफी तूल पकड़ा था। इस मामले की भी सीआईडी टीम जांच कर रही है। उसके बाद सीतलकुची में भी हिंसा के आरोप लगे थे। सीबीआई उसकी भी जांच करेगी।
दूसरी ओर, सीबीआई की एक टीम जांमबोनी थाने के भौड़ी इलाके में गई। वहां उन्होंने मृतक भाजपा कार्यकर्ता के घर के लोगों से मुलाकात की। झाड़ग्राम जिले के जांमबोनी थाने के भौडी में पांच मई को चुनाव के बाद हुई हिंसा में एक भाजपा कार्यकर्ता की मौत हो गयी थी। किशोर मांडी नाम के युवक की मौत की जांच के लिए सीआईडी टीम पहुंची और परिवार के सदस्यों से पूछताछ किया। परिवार के एक सदस्य ने कहा कि सीबीआई अधिकारी जानना चाहते हैं कि उस दिन क्या हुआ था, जहां किशोर की मौत हुई थी और मौके पर कौन था?
मृतक के पिता विजय मांडी ने कहा कि सीबीआई अधिकारी जानना चाहते हैं कि उनके बेटे की मौत के सिलसिले में कितने लोगों को गिरफ्तार किया गया? उन्होंने कहा कि उन्हें तीन लोगों की गिरफ्तारी की खबर मिली है। उसके बाद कोई खबर नहीं थी बेलियाघाटा में भाजपा कार्यकर्ता अभिजीत सरकार की हत्या की जांच शुरू कर दी है।
जांचकर्ता पहले भी कई बार मारे गए अभिजीत के घर जा चुके हैं और उनके परिवार के सदस्यों से बात कर चुके हैं। इस बार अभिजीत के बड़े भाई विश्वजीत को सीआईडी प्रदेश मुख्यालय निजाम पैलेस में बुलाया गया था। सूत्रों के मुताबिक, वे निजाम पैलेस में अभिजीत सरकार के मोबाइल फोन के कई वीडियो को लेकर गए थे। अभिजीत के बड़े भाई का दावा है कि उनके भाई को शायद पहले ही पता चल गया था कि उनकी हत्या की जा सकती है, इसलिए उसने अपना मोबाइल फोन छुपा दिया था। सूत्रों के मुताबिक, मोबाइल फोन पर अभिजीत की मौत से पहले के कई वीडियो मौजूद हैं।
इनका उपयोग जांचकर्ता कर सकते हैं। सीबीआई कार्यालय के सामने अपने भाई का फोन लेकर विश्वजीत सरकार ने कहा, ‘आज सीबीआई ने फोन किया है, मेरे हाथ में जो फोन आप देख रहे हैं वह अभिजीत का फोन है उस दिन की घटनाओं, पुलिस की भूमिका, सभी को अभिजीत द्वारा फेसबुक पर लाइव बताया गया था। इस फोन से यह रिकॉर्ड किया गया है कि बम फेंके गए, बम गिराए गए, किस ने उसे मारा और किस ने पीछा किया सब कुछ इस फोन में मौजूद है।