#Bengal: ‘लॉकडाउन के बावजूद प्राप्ति और व्यय में 100 फीसदी का मिलान’ होने पर CAG ने ममता सरकार को सराहा

Kolkata: भारत के नियंत्रक और महालेखा परीक्षक (CAG) ने वित्त वर्ष 2020-21 के लिए विभागीय व्यय और प्राप्ति दोनों के 100 प्रतिशत मिलान के लिए ममता सरकार की सराहना की है। कैग के अधिकारी ने राज्य के मुख्य सचिव एचके द्विवेदी को पत्र लिखा है और यह सूचना दी है। उल्लेखनीय है कि कैग ने 2019-20 में भी खर्च के आंकड़ों के 99.62 फीसदी और प्राप्ति के 100 प्रतिशत मिलान की भी तारीफ की थी।

CAG के उप महालेखाकार (प्रशासन और रिकॉर्ड) एवं आईटी सुरक्षा प्रबंधक राहुल कुमार ने राज्य के वित्त विभाग को भेजे एक पत्र में कहा कि महामारी की वजह से कामकाज में पैदा हुए व्यवधान और लॉकडाउन लागू होने के बावजूद भी शत-प्रतिशत मिलान होना और भी सराहनीय है। ज्ञातव्य हो कि कोरोना की वजह से लॉकडाउन के कारण काफी समय तक सरकारी कार्यालय बंद थे और योजनाओं पर भी विराम सा लग गया था।

राहुल कुमार ने राज्य के वित्त विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव को लिखे अपने पत्र में कहा, “मुझे आपको यह बताते हुए खुशी हो रही है कि पहली बार वित्त वर्ष 2020-21 के लिए पश्चिम बंगाल के विभागों के प्राप्ति और व्यय लेनदेन दोनों में शत-प्रतिशत मिलान हुआ है।” राहुल कुमार ने कहा कि मिलान प्रक्रिया के दौरान पूरे वित्त विभाग के सक्रिय रहने और निरंतर संपर्क के कारण यह संभव हो पाया है। उन्होंने कहा, “यह कार्यालय इस संबंध में वित्त विभाग के प्रयासों की सराहना करता है। 100 फीसदी मिलान इस बात को सुनिश्चिच करने में मदद करेगा कि प्राप्ति और खर्च के आंकड़े पश्चिम बंगाल सरकार के वित्तीय खातों में सटीक तरह से दर्शाए गए हैं।”

कैग ने 2019-20 में भी खर्च के आंकड़ों के 99.62 फीसदी और प्राप्ति के 100 प्रतिशत मिलान की भी तारीफ की थी। कैग अधिकारी ने अपने पत्र में विभाग को दो नए प्रोजेक्ट- मिडिलवेयर सर्वर और वेब आधारित सेवाओं पर काम शुरू करने के लिए कहा है। उल्लेखनीय है कि पश्चिम बंगाल की ममता सरकार लगातार दावा करती आ रही हैं कि केंद्र सरकार द्वारा आर्थिक मदद और असहयोग के बावजूद राज्य की वित्तीय स्थिति में सुधार हुई है तथा जनकल्याणकारी योजनाओं पर ज्यादा मद में खर्च किए जा रहे हैं।

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