कोलकाता: आरजी कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में एक महिला चिकित्सक से कथित बलात्कार और फिर उसकी हत्या के विरोध में राज्य भर में व्यापक प्रदर्शनों के बीच पश्चिम बंगाल की छह विधानसभा सीट पर बुधवार को होने वाला उपचुनाव सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस के लिए परीक्षा की तरह होगा।
सरकारी अस्पताल में हुई इस घटना के विरोध में कनिष्ठ चिकित्सकों ने पीड़िता को न्याय दिलाने और व्यवस्थागत सुधारों की मांग करते हुए कई महीनों तक आंदोलन किया, जिससे चुनाव से कुछ ही दिन पहले राजनीतिक माहौल पर भी इसका काफी असर पड़ा।
पश्चिम बंगाल की सीताई (आरक्षित), हरोआ, नैहाटी, मेदिनीपुर, तलडांगरा और मदारीहाट (आरक्षित) सीटों पर उपचुनाव कराए जा रहे हैं। सत्तारूढ़ तृणमूल और भाजपा ने सभी सीट पर अपने उम्मीदवार उतारे हैं।
इनमें से पांच निर्वाचन क्षेत्र दक्षिण बंगाल में पड़ते हैं और तृणमूल कांग्रेस के गढ़ माने जाते हैं जबकि राज्य के उत्तरी भाग में स्थित मदारीहाट भाजपा का गढ़ माना जाता है।
राज्य की इन छह विधानसभा सीट पर हो रहे उपचुनाव में कड़ा मुकाबला देखने को मिलेगा क्योंकि मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के नेतृत्व वाला वाम मोर्चा और कांग्रेस अलग-अलग चुनाव लड़ रहे हैं।
इस साल हुए लोकसभा चुनाव में निर्वाचित होने के बाद इन विधानसभा क्षेत्रों के विधायकों ने इस्तीफा दे दिया था और इन पर उपचुनाव आवश्यक हो गए।
तृणमूल कांग्रेस ने इससे पहले 2021 के चुनाव में छह विधानसभा सीट में से पांच पर जीत हासिल की थी जबकि भाजपा ने मदारीहाट सीट पर सफलता प्राप्त की थी। ये उपचुनाव तृणमूल के लिए अग्निपरीक्षा हैं। इस उपचुनाव में चतुष्कोणीय मुकाबला देखने को मिल सकता है, जिनमें तृणमूल कांग्रेस, भाजपा, वाम मोर्चा और कांग्रेस शामिल हैं।
राजनीतिक पर्यवेक्षकों का मानना है कि आरजी कर अस्पताल की घटना के कारण खासतौर पर शहरों में सत्ता विरोधी भावना तेज हो गई है।
भाजपा नेताओं को खासतौर पर इस घटना के बाद इन उपचुनावों में पार्टी के जीतने की संभावना नजर आ रही है। भाजपा नेता राहुल सिन्हा ने कहा, ‘‘हमें मदारीहाट सीट बरकरार रखने तथा शेष पांच सीटों पर भी जीत हासिल करने का पूरा भरोसा है।’’
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