कोलकाता : दिनहाटा, शांतिपुर, खड़दह और गोसाबा विधानसभा सीटों पर 30 अक्टूबर को होने वाले विधानसभा उपचुनाव को लेकर हिंसा के इतिहास को देखते हुए चुनाव आयोग की चिंता साफ झलक रही है। पश्चिम बंगाल में चुनावी हिंसा का असर ही है जिसके कारण 4 सीटों पर उपचुनाव में केंद्रीय बल की 92 कंपनी तैनात होंगी। चुनाव आयोग ने पहले इन चार सीटों पर 27 कंपनी केंद्रीय बल के जवान तैनात करने का निर्णय किया था। फिर उसे बढ़ाकर 80 कंपनी केंद्रीय बल कर दिया था। अब इनकी संख्या बढ़ाकर 92 कर दी गई है। यानी पहले की गई घोषणा के बाद केंद्रीय बलों की संख्या बढ़ाकर तीन गुणा कर दी गयी है।
केंद्रीय बल के जवानों में सीआरपीएफ के अलावा बीएसएफ, एसएसबी और आईटीबीपी के जवान भी मौजूद रहेंगे। वे उपचुनाव की सुरक्षा की जिम्मेदारी संभालेंगे। चुनाव आयोग ने कहा कि सभी मतदान केंद्रों पर केंद्रीय बल के जवानों की तैनाती की जाएगी। उल्लेखनीय है कि दिनहाटा, शांतिपुर, खड़दह और गोसाबा केंद्रों में 30 अक्टूबर को मतदान हैं। इसका परिणाम 2 नवंबर को जारी होगा।
दक्षिण 24 परगना जिले के गोसाबा, उत्तर 24 परगना जिले के खड़दह, नदिया जिले के शांतिपुर व कूचबिहार के दिनहाटा में उपुचनाव लेकर चुनाव आयोग सुरक्षा व्यवस्था को लेकर कोई कसर नहीं छोड़ना चाहता है। मतदान के दौरान कड़े सुरक्षा के इंतजाम किए जा रहे हैं और सभी मतदान केंद्रों में केंद्रीय बलों की तैनाती की जाएगी। पहले तय हुआ था कि भवानीपुर उपचुनाव के लिए केंद्रीय बलों की 15 कंपनियां होंगी, लेकिन वोट से पहले अंतिम समय में 20 और कंपनियों को तैनात किया गया था अर्थात केवल भवानीपुर में कुल 35 कंपनी केंद्रीय बल की तैनाती की गई थी। अब चार उपचुनावों के मामले में भी आयोग प्रत्येक बूथ पर केंद्रीय बलों को तैनात करने के उद्देश्य से 92 कंपनी बल तैनात करने का ऐलान किया है।
ज्ञातव्य हो कि चुनावी नतीजे घोषित होने से एक दिन पहले ही खड़दह विधानसभा क्षेत्र के तृणमूल उम्मीदवार काजल सिन्हा का निधन हो गया था। इससे यह सीट खाली थी। दूसरी तरफ भाजपा के दो सांसदों जगन्नाथ सरकार व निशिथ प्रमाणिक ने चुनाव जीतने के बाद विधायक पद से इस्तीफा दे दिया था। शांतिपुर व दिनहाटा निर्वाचन क्षेत्र इस कारण खाली हो गया था। वहीं गोसाबा में तृणमूल विधायक जयंत नस्कर का निधन हो गया था। इस कारण इन चार विधानसभा सीटों पर उपचुनाव हो रहा है।