कोलकाता: राज्य की सत्ताधारी तृणमूल कांग्रेस के खिलाफ प्रदेश भाजपा और रणनीति अपनाने जा रही है। भाजपा 21 जुलाई को राज्यभर में मानवाधिकार दिवस मनाएगी। वे हिंसा में मारे गए सभी पार्टी कार्यकर्ताओं को याद करने के लिए राज्यव्यापी सभाएं करेंगे। हालांकि इस साल सभी सभाएं वर्चुअल होंगी।
मूल रूप से, वे 2021 विधानसभा वोट के आसपास राज्य में मानवाधिकारों के उल्लंघन के आरोपों के बारे में मुखर हो सकते हैं। उनके मुताबिक, बीजेपी ने 21 जुलाई को मानवाधिकार दिवस मनाने की योजना बनाई है। यह दिन पूरे राज्य में मनाया जाएगा। इस बार वे कोई सभा नहीं कर रहे हैं, जो भी होगा वह वर्चुअल होगा। भाजपा राज्य में कानून-व्यवस्था की स्थिति, मानवाधिकारों और राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग द्वारा जारी रिपोर्ट को ध्यान में रखते हुए 21 जुलाई को यह दिन मनाएगी।
संयोग से तृणमूल कांग्रेस इस दिन को शहीद दिवस के रूप में मनाती है। इतने वर्षों तक इसकी सीमाएँ बंगाल तक ही सीमित रहीं। लेकिन 2021 विधानसभा चुनाव में प्रचंड जीत के बाद इस साल तृणमूल का 21 जुलाई का समारोह अखिल भारतीय स्तर पर होगा। गुजरात और उत्तर प्रदेश जैसे राज्यों में बड़े पर्दे पर ममता बनर्जी का भाषण सुनने को मिलेगा।
राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि भाजपा अच्छी राह पर है। उनके अनुसार, बंगाल विधानसभा चुनावों में पार्टी की प्रचंड जीत के बाद ममता लगातार अप्रतिरोध्य होती जा रही हैं। यदि भाजपा लोकसभा चुनाव से पहले अखिल भारतीय स्तर पर प्रभाव को कम करने में विफल रहती है तो भाजपा पर दबाव बढ़ेगा। उस कारण से, बीजेपी भी एक समानांतर कार्यक्रम करने की कोशिश कर रहा है।
सूत्रों के मुताबिक इस महीने के अंत में जिस दिन ममता दिल्ली के लिए रवाना होंगी, उसी दिन बंगाल में बीजेपी के विधायक भी राजधानी में होंगे। राष्ट्रपति से मुलाकात करेंगे। जानकार तबकों का कहना है कि वे ऐसी रणनीति पर चलना चाहते हैं जो केवल करुणा पर केंद्रित न हो। भाजपा खेमा इसी तरह 21 जुलाई को मानवाधिकार दिवस मनाकर सबको चौंका देना चाहता है।