कोलकाता (Kolkata)। बंगाल की खाड़ी में उठे चक्रवाती तूफान मोचा के प्रभाव से पश्चिम बंगाल के तटीय जिलों में आई आंधी और तूफान के साथ बारिश में नौ लोगों की जान ले ली। जबकि कई लोगों के घायल होने की जानकारी मिली है। इसे देखते हुए मृतकों की संख्या में बढ़ोतरी की भी आशंका है। आंधी-तूफान और बारिश के दौरान ज्यादातर लोगों की मौत बिजली तार की चपेट में आने या पेड़ों की शाखा गिरने से हुई। चक्रवाती तूफान मोचा का राज्य के तटीय इलाकों में व्यापक असर पड़ा। राज्य आपदा प्रबंधन विभाग के सूत्रों की तरफ से मंगलवार सुबह इसकी पुष्टि करते हुए बताया गया।
उन्होंने बताया कि मरने वालों में शामिल खुशबू यादव(12) सोमवार देर शाम हावड़ा शिवपुर के पीके रॉय लेन से ट्यूशन पढ़कर लौट रही थी, उसी समय चक्रवात की वजह से टूट कर गिरे बिजली की तार की चपेट में आने से उसकी मौत हो गई। वहीं, नदिया जिले के राणाघाट के कौशिक ढाली की बैरकपुर के पार्क में एक व्यक्ति की मौत हो गई। तेज आंधी के कारण पेड़ के नीचे खड़े इस व्यक्ति के सिर पर पेड़ की शाखा गिर गई जिससे उसकी मौत हो गई। इसी दौरान बैरकपुर मोहनपुर में नारियल पेड़ के नीचे दब कर सरस्वती विश्वास (40 वर्ष) की मौत हो गई।
उधर, हावड़ा के बगनान में रजनी पांडेय (42 वर्ष) की मौत हो गई। आंधी-तूफान के दौरान उसने एक पेड़ के नीचे शरण ली थी। बागनान में रामचंद्र मंडल नाम के वृद्ध की मौत हो गई। इसके अलावा, तूफान के कारण हावड़ा जिले में कई लोग घायल हुए हैं। तेज आंधी के दौरान बिजली तार की चपेट में आने से श्यामपुर निवासी प्रसून घोषाल (19) की मौत हो गई। जबकि आंधी के दौरान बिजली का खंभा गिरने से हुगली जिले के पाशकुरा में अशरफ खान (50) की मौत हो गई।
इसके अलावा बेलपहाड़ी में सुकांत महतो (63) की मौत हो गई। बेलपहाड़ी में ही आंधी की चपेट में आने से एक वृद्धा मालती मुर्मू नाम की जान चली गई। दोनों की पेड़ की डाल से दब कर मौत हो गई। इस बीच, मानसून के कारण कोलकाता सहित दक्षिण बंगाल के कई जिलों में रेल सेवाएं बाधित रहीं। दमदम अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर भी कुछ समय के लिए उड़ान सेवाएं बाधित रहीं। राज्य आपदा प्रबंधन विभाग के सूत्रों ने बताया है कि मौत का आंकड़ा बढ़ सकता है।