पंडित मनोज कृष्ण शास्त्री, वाराणसी । एक मुखी रुद्राक्ष को बेहद पवित्र माना जाता है। यह गोलाकार और अर्ध चंद्र जैसा होता है। गोलाकार एक मुखी रुद्राक्ष में उभरी हुई एक धार होती है। लेकिन इसकी उपलब्धता और दृश्यता दुर्लभ होती है। ऐसा माना जाता है कि एक मुखी रुद्राक्ष शक्ति, ऊर्जा, सत्य और मोक्ष का प्रबल स्रोत होता है। इस रुद्राक्ष का स्वामी सूर्य ग्रह होता है और भगवान शिव इसके स्वामी देव हैं। इस रुद्राक्ष को धारण करने वाला व्यक्ति स्वयं को भगवान शिव और पारलौकिक जीवन से जुड़ा हुआ पाता है।
एक मुखी रुद्राक्ष के लाभ :
* एक मुखी रुद्राक्ष की माला को धारण करने वाले व्यक्ति की आध्यात्मिक इच्छाएँ पूर्ण होती हैं और मन को शांति मिलती है।
* इस रुद्राक्ष के प्रभाव से जीवन में समृद्धि आती है।
* जो व्यक्ति एक मुखी रुद्राक्ष को धारण करता है उसके आत्मविश्वास और नेतृत्व क्षमता में वृद्धि तथा व्यक्तित्व का विकास होता है।
* एक मुखी रुद्राक्ष करियर तथा व्यवसाय में सफलता दिलाने में सहायक होता है।
* एक मुखी रुद्राक्ष को धारण करने वाले व्यक्ति को आर्थिक लाभ और समाज में मान-सम्मान प्राप्त होता है।
* यदि कोई व्यक्ति यह रुद्राक्ष धारण करता है तो वह अपने क्रोध पर नियंत्रण पा सकता है।
* यदि कोई व्यक्ति रक्त, हृदय, आँख और सिर आदि से संबंधित विकार से पीड़ित है तो उसके लिए यह रुद्राक्ष चमत्कारिक उपाय है।
* यह रुद्राक्ष बुरी आदतों (नशीले पदार्थ का सेवन आदि) को छुड़वाने में सहायक है।
एक मुखी रुद्राक्ष और ज्योतिष : वैदिक ज्योतिष के अनुसार एक मुखी रुद्राक्ष का स्वामी सूर्य है। इस कारण 1 मुखी रुद्राक्ष को धारण करने वाले जातक के अंदर ऊर्जा शक्ति और नेतृत्व क्षमता का निर्माण होता है। इसके अलावा इसे पहनने से व्यक्ति के भाग्य के द्वार खुलते हैं और उसे समाज में प्रसिद्धि मिलती है। यदि कुंडली में सूर्य कमज़ोर हो अथवा अस्त तो एक मुखी रुद्राक्ष का धारण करना चाहिए। इसके अतिरिक्त यदि किसी क्रूर ग्रह की दशा या अंतर्दशा चल रही है तो भी 1 मुखी रुद्राक्ष को पहना जा सकता है। इसको धारण करने से सूर्य के नकारात्मक प्रभाव दूर हो जाते हैं।
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जोतिर्विद वास्तु दैवज्ञ
पंडित मनोज कृष्ण शास्त्री
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