तारकेश कुमार ओझा, खड़गपुर । बांकुड़ा जिले के रहने वाले हेरश्वबनाथ चक्रवर्ती स्कूल शिक्षक हैं, परंतु पेशे से वह मैन-बिल्डर है। इसलिए वह केवल कक्षा में पढ़ाने तक ही सीमित नहीं है। वह गरीब छात्रों या आम लोगों की समस्याओं को सुनकर कई बार उनकी मदद भी करते हैं। हेरश्वनाथ चक्रवर्ती बांकुड़ा जिले के कदमा हाई स्कूल में संस्कृत के शिक्षक हैं। भले ही उनका जन्मस्थान और कार्यक्षेत्र बांकुड़ा जिले में है, परंतु उनकी परोपकारी सामाजिक गतिविधियाँ केवल उनके अपने जिले तक ही सीमित नहीं है। यह उनके अपने जिले से परे राज्य के विभिन्न हिस्सों में फैल गई है।
इस बार उन्होंने पश्चिम मेदिनीपुर जिले के गड़बेत्ता प्रखंड के लापुरिया गांव की एक अस्वस्थ कॉलेज छात्रा सुष्मिता हातुई की मदद की। पश्चिम मेदिनीपुर जिले के इस कॉलेज की इतिहास ऑनर्स की छात्रा सुष्मिता किड़नी की समस्या से जूझ रही है। सुष्मिता के परिवार वालों को डॉक्टरी जांच में पता चला कि सुष्मिता की दोनों किडनी खराब हो गई है। जब उन्हें बेहतर इलाज के लिए दक्षिण भारत के एक अस्पताल में ले जाया गया, तो डॉक्टरों ने गुर्दा प्रत्यारोपण का सुझाव दिया। अतः माँ उमादेवी अपनी बेटी को जीवित रखने के लिए एक गुर्दा दान करना चाहती हैं।
परंतु अन्य खर्चों के लिए उदासी के स्वर अब लापुरिया के हाटुई परिवार में है। हालाकि पहले से ही कुछ स्वयंसेवी संगठन और कुछ लोग परिवार के पक्ष में आ चुके हैं। ऐसे स्वयंसेवी संगठन के माध्यम से परिवार ने चक्रवर्ती से संपर्क किया। खबर सुनने के बाद यह अनुकंपा शिक्षक परिवार की मदद को आगे आए। उन्होंने अस्वस्थ कॉलेज की छात्रा सुष्मिता के इलाज के लिए उनके परिवार के खाते में 10,000 रुपये भेजे तथा आने वाले दिनों में उनके सहायता का वादा किया। लोगों ने दयालु शिक्षक की इस मानवीय पहल का स्वागत किया।