IRES का इंटरनेशनल डे ऑफ वेटरनरी पर 265वां तथा ह्यूमन राइट्स डे पर 266वां पर आयुष समृद्धि इंटरनेशनल वेबीनार संपन्न

कोलकाता : IRES इंडिपेंडेंट रिसर्च एथिक्स सोसाइटी का इंटरनेशनल डे ऑफ वेटरनरी पर गुरुवार को 265वां तथा ह्यूमन राइट्स डे पर शुक्रवार को 266वां पर आयुष समृद्धि इंटरनेशनल वेबीनार सफलता पूर्वक संपन्न हुआ।
इस कार्यक्रम में देश भर के विख्यात वेटरनरी डॉक्टर्स (पशु चिकित्सक) और आयुर्वेद के विशेषज्ञों को आमंत्रित किया गया था। डॉ. भगवान सटले, वेटरनरी एंड एनिमल साइंसेज कॉलेज नागपुर, डॉ. राजीव व्ही. गायकवाड़, वेटरनरी कॉलेज, मुंबई, डॉ. मिलिंद पाटिल, पोदार आयुर्वेदिक मेडिकल कॉलेज, मुंबई, डॉ. दीपा लखर, असम एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी, गुवाहाटी और डॉ. बी. रूपा असिस्टेंट प्रोफेसर वेटरनरी कॉलेज, बिदर कर्नाटक ने भाग लिया और कार्यक्रम को संबोधित किया। इस कार्यक्रम के मॉडरेटर थे डॉ. सी.एन. गल्धर, असिस्टेंट प्रोफेसर वेटरनरी मेडिसिन मुंबई और होस्ट डॉ. पवन कुमार शर्मा, नेशनल एग्जीक्यूटिव, विश्व आयुर्वेद परिषद्, कोलकाता थे।

यह कार्यक्रम वेबेक्स प्लेटफार्म पर हुआ और यूट्यूब पर भी लाइव टेलीकास्ट हुआ। कार्यक्रम के आयोजन में सहायक इमामी, झंडू, मेडफार्मा प्रो इत्यादि थे। कार्यक्रम में इन सभी विषयों पर अच्छी चर्चा हुई जैसे – भारतीय पशु चिकित्सा कितनी प्राचीन है और इसमे बहुत सारी अच्छी-अच्छी बातें हैं। जिससे फिर से मनुष्य आयुर्वेद की ओर खुद की चिकित्सा के लिए तो बढ़ रहा ही है, अपने पशुओं को भी आयुर्वेद चिकित्सा करवा रहा है कारण पशु चिकित्सा में आयुर्वेद की महत्वपूर्ण भूमिका है। अतः अपने पालतू पशु कुत्ते, बिल्लियों के लिए बहुत सारे लोग आयुर्वेद चिकित्सक की सलाह ले रहे हैं।

गौशाला और चिड़ियाखाना के पशु विशेषज्ञ भी अब हर्बल या प्लांट बेस्ड आयुर्वेदिक दवाई को अपनी पहली प्राथमिकता दे रहे हैं। उदाहरण के तौर पर गायों को अगर सतवारी के पौधे या औषधि दी जाती हैं तो उनकी दूध देने की मात्रा और गुणवत्ता में बढ़ोतरी होती है। पशु चिकित्सा को ले कर बहुत सारे काम करने की जरूरत है। महाभारत के समय में भी नकुल, सहदेव को पशु चिकित्सा का विशेष ज्ञान था। घोड़े, हाथियों की चिकित्सा आयुर्वेदिक औषध द्वारा ही की जाती थी। पशुओं के मालिक अगर इच्छुक हो तो वे आयुर्वेद पशु चिकित्सकों से परामर्श कर सकते हैं।

10 दिसंबर वर्ल्ड ह्यूमन राइट्स डे के उपलक्ष में 266वां आयुष समृद्धि इंटरनेशनल वेबिनार मनाया गया। इसका विषय था आयुष, रिकवर बेटर स्टैंड अप फॉर ह्यूमन राइट्स। इस कार्यक्रम में वक्ता के रूप में जुड़े थे डॉ. विनीत कुमार अग्निहोत्री, स्वस्थवृत्त डिपार्टमेंट, ऋषिकुल यूनिवर्सिटी, हरिद्वार से, श्रीमती के.वी. रमानी, सीनियर हाई कोर्ट एड्वोकेट हैदराबाद से, डॉ. बिष्णुप्रिया मोहंती, प्रोफेसर और हेड, गवर्नमेंट आयुर्वेद महाविद्यालय एंड रिसर्च सेंटर, गोवा और मिस देवयानी, रिसर्च असिस्टेंट फेलो- टीच फॉर इंडिया, टीचर- हैप्पीनेस करिकुलम, नई दिल्ली। डॉ. पवन शर्मा ने ईश्वर स्तुति से कार्यक्रम शुरू किया तथा सभी वक्ताओं ने ह्यूमन राइट्स के बारे में बहुत सारी चर्चाएं की, जिससे सभी को काफी ज्ञानअर्जन हुआ। इस प्रकार के कार्यक्रम आगे भी होने चाहिए जिससे कि लोगों में स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता पैदा हो।

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