नई दिल्ली। National News : जी7 शिखर सम्मेलन में वर्चुअली शिरकत करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कोविड-19 वैक्सीन पेटेंट पर अस्थायी छूट की जोरदार अपील की। आधिकारिक सूत्रों ने कहा कि प्रधानमंत्री ने ट्रिप्स छूट के लिए डब्ल्यूटीओ में भारत और दक्षिण अफ्रीका द्वारा पेश किए गए प्रस्ताव के लिए समर्थन मांगा। सूत्रों ने यह भी कहा कि ऑस्ट्रेलिया के साथ-साथ कई अन्य सदस्यों ने इस प्रस्ताव का जोरदार समर्थन किया।
भारत जैसे देशों में वैक्सीन उत्पादन बढ़ाने में मदद करने के लिए वैक्सीन निर्माण से जुड़े कच्चे माल और अन्य घटकों के लिए खुली आपूर्ति श्रृंखला बनाए रखने से जुड़े उनके विचार को शिखर सम्मेलन में व्यापक समर्थन मिला।
सूत्रों ने कहा कि मोदी ने महामारी के प्रकोप को रोकने के लिए वैश्विक एकता, नेतृत्व और एकजुटता का आह्वान किया और कहा कि भविष्य में लोकतांत्रिक और पारदर्शी समाजों की विशेष जिम्मेदारी तय होनी चाहिए। उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि ‘एक पृथ्वी, एक स्वास्थ्य’ दृष्टिकोण होना चाहिए, जिसका जर्मन चांसलर एंजेला मर्केल ने समर्थन किया।
अपने भाषण के दौरान, प्रधानमंत्री ने महामारी से लड़ने के लिए भारत के ‘समग्र समाज’ के दृष्टिकोण पर प्रकाश डाला। साथ ही उन्होंने संपर्क (कांटैक्ट) ट्रेसिंग और वैक्सीन प्रबंधन के लिए ओपन सोर्स डिजिटल टूल्स के भारत के सफल उपयोग की बात की, और कहा कि इस दिशा में भारत अपने अनुभव और विशेषज्ञता को साझा करने की इच्छा रखता है।
सूत्रों ने कहा कि प्रधानमंत्री ने वैश्विक स्वास्थ्य गर्वनेंस में सुधार के लिए सामूहिक प्रयासों का समर्थन करने के लिए भारत की प्रतिबद्धता व्यक्त की। भारत ने पहली बार 2003 में जी7 शिखर सम्मेलन के आउटरीच सत्र में भाग लिया जब तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी को तत्कालीन फ्रांसीसी राष्ट्रपति द्वारा आमंत्रित किया गया था।
उस समय, शिखर सम्मेलन का ध्यान जलवायु परिवर्तन और वैश्विक आर्थिक विकास पर था। प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने 2005 से 2009 तक वार्षिक जी7 शिखर सम्मेलन आउटरीच सत्र में भाग लिया था। इसके बाद पीएम मोदी ने ब्रिटेन में हो रहे शिखर सम्मेलन में आउटरीच सत्र में भाग लिय। ब्रिटेन वर्तमान जी7 का अध्यक्ष है।