कोलकाता। आईटीसी के आशीर्वाद आटा ने इस साल की दुर्गा पूजा के दौरान शुरू किए गए अपने खास कैम्पेन ‘दुर्गोतिनाशिनिर शौंधने’ का शानदार तरीके से समापन किया है। इस कैम्पेन में माताओं की बेजोड़ क्षमता और अपने परिवार के पोषण प्रदान करने में उनकी खास भूमिका को सम्मानित किया गया। इस कैम्पेन ने माताओं और मां दुर्गा के बीच समानताओं को प्रदर्शित करते हुए यह बताने का प्रयास किया कि हमारे जीवन में माताओं की भूमिका कितनी महत्वपूर्ण है।
माताओं की देखभाल का हमारी जिंदगी पर कितना प्रभाव पड़ता है, इस कैम्पेन ने इस बात को खूबसूरती के साथ पेश किया। इस कैम्पेन ने इस अहसास को भी मजबूती से पेश किया कि देवी मां की तरह ही माताएं भी “अनेक रूप, अनेक ऊर्जा” का प्रतीक हैं।
एक बेहद आकर्षक और लोगों को आपस में जोड़ने वाली इस पहल में, माताओं ने मेज पर रखी चक्कियों को चलाया। ये चक्कियां पारंपरिक पीसने वाली चक्की की तरह थीं, जिन्हें घुमाने पर गतिज ऊर्जा पैदा होती है। इस ऊर्जा की मदद से वहां मौजूद एक बड़ी एलईडी स्क्रीन चालू हो गई। इस स्क्रीन पर महिषासुर का संहार करते हुए मां दुर्गा को प्रदर्शित किया गया।
एक मां अपने परिवार का पोषण करने और उसकी रक्षा करने के लिए बिना थके किस प्रकार प्रयास करती है, वह इस सब के लिए कैसे शक्ति हासिल करती है, इन सभी का खूबसूरत चित्रण किया गया। बागबाजार सर्बोजोनिन दुर्गा पूजा पंडाल के परिसर में आयोजित इस कार्यक्रम में कुल मिलाकर करीब 1 लाख माताओं ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
एक बेहद खास उद्देश्य से शुरू किए गए इस कैम्पेन में, आशीर्वाद आटा ने स्थानीय एनजीओ शोइशोब के साथ साझेदारी की। यह एनजीओ वंचित बच्चों के लिए काम करता है। चक्की-रोटेशन एक्टिविटी में माताओं ने बढ़चढ़ कर हिस्सा लिया। भागीदारी की प्रत्येक कड़ी में वंचित बच्चों को पौष्टिक भोजन प्रदान करने का लक्ष्य तय किया गया। इसके लिए शोइशोब को 1 लाख से अधिक रोटियों के बराबर आटा दान में दिया गया।
इस कैम्पेन में भाग लेने वाली माताओं में से एक मां ने अपने दिल की बात साझा करते हुए कहा, “आशीर्वाद आटा के ‘दुर्गोतिनाशिनिर शौंधने’ कैम्पेन के साथ यह दुर्गा पूजा वास्तव में बेहद खास रही है। एक मां के रूप में, मैं पोषण और शक्ति के विषय से गहराई से जुड़ी हुई हूं, मां दुर्गा इसी शक्ति का प्रतीक हैं।
इस कैम्पेन ने हमें इसी भावना को सार्थक तरीके से प्रदर्शित करने का मौका दिया है। पोषण एवं देखभाल प्रदान करने में माताओं की महत्वपूर्ण भूमिका का सम्मान करने वाली पहल का हिस्सा बनकर मैं सशक्त महसूस कर रही हूं, साथ ही यह संतुष्टिदायक भी है। यह कैम्पेन इस भावना को खूबसूरती के साथ प्रदर्शित करता है कि हम माताएं मिलकर समाज पर कितना गहरा असर डाल सकती हैं।”
बागबाजार सर्बोजोनिन पंडाल में आने वाले भक्तों ने इस कैम्पेन की दिल से तारीफ की। यहां पहुंची माताओं ने प्रत्येक घर के लिए दुर्गोतिनासिनी की भूमिका को प्रदर्शित करते हुए, चक्की-रोटेशन की एक्टिविटी में भाग लिया।
ताज़ा समाचार और रोचक जानकारियों के लिए आप हमारे कोलकाता हिन्दी न्यूज चैनल पेज को सब्स्क्राइब कर सकते हैं। एक्स (ट्विटर) पर @hindi_kolkata नाम से सर्च कर, फॉलो करें।