काली दास पाण्डेय, मुंबई । राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू द्वारा भारतीय सिनेमा के सबसे बड़े सम्मान ‘दादा साहेब फाल्के’ अवार्ड से सम्मानित किए जाने के बाद गुजरे जमाने की बेहतरीन अदाकारा आशा पारेख ने अपना 80वां जन्मदिन मुम्बई स्थित ‘द क्लब’ में आयोजित प्रेसवार्ता के दौरान मनाया। अपनी अभिनय यात्रा की विस्तृत चर्चा करते हुए आशा पारेख ने कहा कि यह भारत सरकार की ओर से मुझे मिला सबसे अच्छा सम्मान है। मैं निर्णायक समिति को इस सम्मान के लिए धन्यवाद देना चाहती हूँ। मैं अपने चाहने वालों और भारत सरकार की आभारी हूँ।
इस कार्यक्रम में चित्रकार राज सैनी द्वारा बनाई गई आशा पारेख की तस्वीर (पेंटिंग) का अनावरण मिराकेम इंडस्ट्रीज के संचालक व समाजसेवी अनिल मुरारका के द्वारा किया गया। 1960-1970 के दशक में आशा पारेख की शोहरत उस दौर के अभिनेता राजेश खन्ना, राजेंद्र कुमार और मनोज कुमार के बराबर थी। 1992 में उन्हें भारत सरकार द्वारा ‘पद्मश्री’ अवार्ड से भी नवाजा गया था।
2 अक्टूबर 1942 को कर्नाटक में जन्मी आशा पारेख ने अपने पांच दशक लंबे करियर में 95 से ज्यादा फिल्मों में काम किया। इनमें ‘दिल देके देखो’, ‘कटी पतंग’, ‘तीसरी मंजिल’, ‘बहारों के सपने,’ ‘प्यार का मौसम’ ‘आन मिलो सजना,’ ‘कारवां’ ‘मैं तुलसी तेरे आंगन की’ और ‘धर्म और कानून’ जैसी हिट फिल्में उल्लेखनीय हैं।