गंगटोक। सेना के जवानों ने भारी बर्फबारी के बाद सिक्किम में फंसे करीब 400 पर्यटकों को बचाया और बाद में उन्हें चिकित्सा देखभाल और भोजन सहित आपातकालीन सहायता प्रदान की, रक्षा अधिकारियों ने यह जानकारी दी। रक्षा प्रवक्ता लेफ्टिनेंट कर्नल महेंद्र रावत ने बताया कि 142 महिलाओं और लगभग 100 वाहनों में यात्रा कर रहे 50 बच्चों सहित लगभग 400 पर्यटक शनिवार दोपहर नाटू ला और त्सोमगो (चांगगू) झील से लौटते समय फंस गए और त्रिशक्ति कोर के जवानों ने पुलिस के साथ मिलकर काम किया। नागरिक प्रशासन हरकत में आया और बचाव अभियान ‘ऑपरेशन हिमराहत’ शुरू किया।
लेफ्टिनेंट कर्नल रावत ने कहा, राहत और बचाव अभियान देर रात तक जारी रहा। पर्यटकों को सुरक्षित क्षेत्रों में ले जाया गया और आश्रय, गर्म कपड़े, चिकित्सा सहायता और गर्म भोजन प्रदान किया गया। सैनिकों ने सभी पर्यटकों के ठहरने की व्यवस्था की। उन्होंने कहा कि सुबह सेना के जनरल रिजर्व इंजीनियरिंग फोर्स बुलडोजर की मदद से सड़क को खोला गया और सुबह नौ बजे तक गंगटोक तक वाहनों की आवाजाही के लिए सड़क को साफ कर दिया गया।
सैनिकों की त्वरित प्रतिक्रिया ने खराब मौसम की स्थिति में फंसे हुए पर्यटकों को राहत और आराम प्रदान किया और गंगटोक में वाहनों की आवाजाही को सक्षम करने के लिए सड़क की शीघ्र निकासी सुनिश्चित की। फंसे पर्यटकों और नागरिक प्रशासन ने सेना द्वारा प्रदान की गई तत्काल राहत के लिए गहरा आभार व्यक्त किया। रक्षा प्रवक्ता ने कहा कि हिमालय के अत्यधिक ऊंचाई वाले क्षेत्रों में सीमा की रक्षा करते हुए भारतीय सेना हमेशा पर्यटकों और स्थानीय आबादी को सहायता प्रदान करने में सक्रिय रहती है।