कोलकाता। केंद्रीय जांच एजेंसी ने सरकारी भर्ती घोटाले में सभी नगर पालिकाओं की उपस्थिति रजिस्टर और बायोमेट्रिक मशीनों को जांच के दायरे में ले लिया है। जांच एजेंसी का मानना है कि जिन लोगों को पैसे के बदले नौकरी मिली, उन्होंने बिना कोई काम किए या कार्यस्थल पर उपस्थित हुए बिना वेतन उठाया। सूत्रों का दावा है कि जांचकर्ता इस संबंध में लोक निर्माण एवं शहरी विकास विभाग से बात कर चुके हैं।
ईडी सूत्रों के अनुसार, दूसरे शब्दों में कहें तो, न केवल नौकरियों के लिए पैसे का आदान-प्रदान हुआ, बल्कि कर्तव्यों के पालन में भी अनियमित रहा है। केंद्रीय जांच ब्यूरो पीयूआर भर्ती भ्रष्टाचार की जांच कर रहा है। सूत्रों के मुताबिक इस संबंध में 10 नगर पालिकाओं के नाम सामने आ रहे हैं। इन सभी नगर पालिकाओं में कर्मचारियों की उपस्थिति का बायोमेट्रिक रिकॉर्ड मांगा गया है।
शिक्षक भर्ती भ्रष्टाचार मामले की जांच के दौरान ईडी को राज्य की कई नगर पालिकाओं की भर्तियों में भ्रष्टाचार का पता चला है। इसके बाद हाई कोर्ट के आदेश पर केंद्रीय एजेंसियां इसकी जांच कर रही है। राज्य की कमरहाटी, बर्दवान, न्यू बैरकपुर, बैरकपुर, पनिहाटी, दमदम, दक्षिण दमदम, बिधाननगर समेत कई नगर पालिकाओं में नियुक्ति में भ्रष्टाचार उजागर हुए हैं।
ईडी को पता चला है कि कई लोग पैसे लेकर नौकरी लेने के बाद भी नियमित रूप से ऑफिस नहीं जाते थे। किसी ने एक महीने भी काम नहीं किया, किसी ने छह महीने तक काम नहीं किया, लेकिन उन्हें वेतन मिला। ईडी इन सभी लोगों के बारे में जांच शुरू कर चुकी है।