तुष्टीकरण : मुस्लिम सरकारी कर्मियों को एक महीने तक आधे घंटे पहले छुट्टी, शिक्षक संगठनों ने जताई आपत्ति

कोलकाता। पश्चिम बंगाल में रामनवमी की शोभायात्रा पर हुए हमले के बाद बिना जांच सीधे हिंदू समुदाय को दोषी ठहराने वाली मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की एक निर्देशिका एक बार फिर सवालों के घेरे में है। रमजान महीने में पूरे एक माह तक मुस्लिम सरकारी कर्मचारियों को आधे घंटे पहले घर जाने की अनुमति दी गई है। इससे संबंधित एक निर्देशिका उच्च माध्यमिक विद्यालयों के लिए जारी की गई है। इसमें कहा गया है कि पूरे रमजान माह में मुस्लिम सरकारी कर्मचारी छुट्टी होने से आधे घंटे पहले अपराह्न 3:30 बजे ही घर जा सकते हैं।

इसे लेकर जातीयतावादी अध्यापक और गवेषक संघ के महासचिव अनुपम बेरा ने तीखी आपत्ति जताई है। हिन्दुस्थान समाचार से विशेष बातचीत में उन्होंने कहा है कि भारतीय सभ्यता और संस्कृति ऐसी रही है जहां हर धर्म के अनुपालन की पूरी तरह से संवैधानिक छूट है। हालांकि सरकारी कर्मचारियों को मजहबी आधार पर अतिरिक्त सुविधाएं देना संविधान के बिल्कुल विपरीत है। उन्होंने कहा कि नवरात्र में भी हिंदू समुदाय के लोग उपवास करते हैं लेकिन कभी भी इस तरह की सुविधा किसी हिंदू सरकारी कर्मचारी को नहीं मिली है।

ममता सरकार की यह तुष्टीकरण की नीति बेहद आपत्तिजनक है। इसकी तीखी निंदा की जानी चाहिए। उल्लेखनीय है कि पश्चिम बंगाल सरकार मुस्लिम तुष्टीकरण की वजह से सवालों के घेरे में रहती है। हाल ही में हावड़ा में हुए रामनवमी की शोभायात्रा पर अल्पसंख्यक समुदाय के पथराव और आगजनी के बावजूद मुख्यमंत्री ने जांच के पहले ही शोभायात्रा निकालने वालों को दोषी ठहरा दिया था। इसे लेकर भी देशभर में उनकी किरकिरी हुई है।

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