विनय कुमार, कोलकाता। कोलकाता के अस्पतालों में कैंसर मरीजों की संख्या बढ़ती जा रही है। विशेष रूप से एसएसकेएम, चित्तरंजन राष्ट्रीय कैंसर संस्थान (सीएनसीआई) में हर दिन राज्य के विभिन्न हिस्सों से बड़ी संख्या में कैंसर रोगी इलाज के लिए आते हैं। इनमें से अधिकांश मरीज़ आर्थिक रूप से कमजोर तबके से होते हैं। उनके परिजन उन्हें कोलकाता में रखकर इलाज नहीं करा सकते। जबकि हर दिन इतनी दूर से उनके लिए यहां आना लिए संभव नहीं है। ऐसे में मजबूरन उन्हें अस्पताल के बाहर फर्श या फुटपाथ पर दिन गुजारना पड़ता है।
कैंसर पीड़ितों का ‘अपना घर’
इंटस फाउंडेशन (INTAS Foundation) ने उनके इस दर्द को महसूस किया। कैंसर पीड़ितों के लिए यह फाउंडेशन मसीहा बनकर उभरा। कोलकाता में इंटस फाउंडेशन 2022 से मुदियाली स्थित ट्रांजिट होम संचालित कर रहा है। फाउंडेशन द्वारा संचालित ‘अपना घर’ गरीब कैंसर पीड़ित मरीजों को पूरी तरह से मुफ्त आवास और चिकित्सा सेवाएं प्रदान करने के लिए अथक प्रयास कर रहा है। फाउंडेशन के इस पहल से गरीब मरीजों को काफी राहत मिली है।
अपना घर की कहानी, पीड़ितों की जुबानी
उत्तर दिनाजपुर जिले के रायगंज की रहने वाली ओली रानी सरकार इलाज के बाद घर लौट आईं है। उनके बेटे भास्कर ने बताया, ‘जब मैं अपनी मां को कोलकाता के सीएनसीआई में लाया, तो यहां कोई आवास नहीं था। कई दिनों तक मुझे फुटपाथ पर रात गुजारनी पड़ी। फिर ‘अपना घर’ ने मुझे रहने की जगह दी। यहीं से मैंने अपनी मां का इलाज किया। ‘अपना घर’ को बहुत-बहुत धन्यवाद।’
वहीं, चंदन सरकार नाम के एक अन्य कैंसर रोगी कहते हैं, ‘मैं एक साल से अधिक समय से ‘अपना घर’ आ रहा हूं। यहां सभी सेवाएं पूरी तरह से मुफ्त में उपलब्ध हैं। मेरा यहा काफी ख्याल रखा गया। मैं बहुत खुश हूँ।’
मरीजों का ख्याल रखना हमारा एकमात्र उद्देश्य
मुदियाली ट्रांजिट होम की प्रोजेक्ट एसोसिएट सायनी रॉय ने बताया, ‘हम अक्सर शहर के विभिन्न सरकारी अस्पतालों का दौरा करते हैं। वहां हम उन लोगों की पहचान करते हैं, जो बहुत गरीब हैं। उसके बाद उन्हें ‘अपना घर’ ले आते हैं। हमारा काम तब सार्थक होता है जब मरीज यहां इलाज के बाद ठीक होकर घर चला जाता है।’
‘हमारा एकमात्र उद्देश्य मरीजों का ख्याल रखना है। मानसिक रूप से स्वस्थ रखने के लिए समय-समय पर मरीजों और उनके परिजनों की काउंसलिंग की जाती है। साथ ही घर में विभिन्न त्योहार और कार्यक्रम मनाए जाते हैं ताकि मरीज़ खुशमिजाज रहें।’
देश के इतने शहरों में है ट्रांजिट होम की सुविधा
मुदियाली ट्रांजिट होम की काउंसलर पम्पा गायेन ने बताया, कोलकाता के अलावा अहमदाबाद, बेंगलुरु, भोपाल, चंडीगढ़, चेन्नई, कटक, दिल्ली, गुवाहाटी, हैदराबाद, इम्फाल, जयपुर, कोच्चि, लखनऊ, मुंबई, नागपुर, राजकोट, रांची, सूरत में भी इंटस फाउंडेशन यह विशेष सेवाएँ प्रदान करती है। फाउंडेशन के पास कोलकाता में दो ट्रांजिट होम हैं। एक मुदियाली में और दूसरा साल्ट लेक में। मुदियाली ट्रांजिट होम में कुल 22 कैंसर रोगियों के लिए आवास है।
मरीजों के लिए विशेष सुविधाएं
काउंसलर सायमा मुख्तार ने बताया, ट्रांजिट होम में मरीजों को दिन में तीन बार पौष्टिक भोजन दिया जाता है। इसके अलावा मरीजों को विशेष वाहन से अस्पताल पहुंचाया जाता है, जहां उनका इलाज चल रहा है। इलाज के बाद उन्हें ट्रांजिट होम वापस लाने की सुविधा भी प्रदान की जाती है। अपना घर में कैंसर से पीड़ित बच्चों को भी रखा जाता है। वयस्क मरीज के परिवार का एक व बच्चों के दो सदस्यों के रहने की सुविधा है। फाउंडेशन के स्थापना के बाद से पश्चिम बंगाल और अन्य राज्यों के दूर-दराज के इलाकों और समाज के जरूरतमंद स्तर से आने वाले 750 से अधिक मरीजों को अपनी सेवाएं प्रदान की गई हैं।
दुनिया का कैंसर कैपिटल बना भारत
अपोलो हॉस्पिटल्स की ‘वर्ल्ड हेल्थ डे 2024’ के लिए ‘हेल्थ ऑफ द नेशन रिपोर्ट’ में बताया गया है कि कैंसर के मामलों में बहुत तेजी से वृद्धि के कारण भारत को “दुनिया का कैंसर कैपिटल” कहा जा रहा है। रिपोर्ट में बताया गया है कि भारत में कैंसर के मामलों की संख्या 2020 में 13 लाख से बढ़कर 2025 में 15.7 लाख होने की उम्मीद है, जो कि केवल पाँच वर्षों में 13% की वृद्धि दर्शाता है। वैश्विक दरों की तुलना में भारत में कैंसर की बढ़ती घटनाओं के कारण देश को “दुनिया का कैंसर कैपिटल” कहा जाने लगा है।
बढ़ती उम्र, अल्ट्रा-प्रोसेस्ड खाद्य पदार्थों के साथ सूजन बढ़ाने वाले अस्वास्थ्यकर आहार, कार्सिनोजेन्स से भरे वायु प्रदूषण का जोखिम और जलवायु परिवर्तन को कैंसर का कारक माना जाता है। कही न कही इन्हीं कारकों की वजह से देश में कैंसर मरीजों की संख्या में इजाफा हो रहा है।
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