कोलकाता। अब दुर्गा पूजा पंडालों में विशेष लोगों (नेत्रहीनों, दिव्यांगों) के लिए खास इंतजाम सहित कोविड प्रोटोकाल का पालन करने वाले पूजा कमेटियों को कोविड सेफ दुर्गोत्सव पुरस्कार से नवाजा जाएगा। एनआईपी एनजीओ, फोरम फॉर दुर्गोत्सव, रोटरी डिस्ट्रिक्ट 3291 और नारायण मेमोरियल अस्पताल के सहयोग से पूजा समितियों के लिए पुरस्कारों की घोषणा प्रेस क्लब में एक कार्यक्रम हुआ।
नेशनल इंस्टीच्यूट आफ प्रोफेशनल (एनआईपी) एनआईपी के सचिव देबज्योति रॉय ने बताया कि फोरम फॉर दुर्गोत्सव 2010 से ही इस संबंध में सक्रिय रूप से काम कर रहा है। उन्होंने कहा कि मुख्य मकसद है कोविड प्रोटोकॉल बनाए रखने के साथ वरिष्ठ नागरिकों और दिव्यांगों के लिए पूजा पंडालों को अनुकूल बनाना। फोरम फॉर दुर्गोत्सव में 350 दुर्गा पूजा समितियां शामिल हैं।
सीईओ, नारायण मेमोरियल हॉस्पिटल (बेहला) सुपर्णा सेनगुप्ता, नारायण मेमोरियल हॉस्पिटल के क्रिटिकल केयर कंसल्टेंट डॉ. प्रसून कुमार मित्रा, रोटरी डिस्ट्रिक्ट 3291 के डिस्ट्रिक्ट गवर्नर प्रवीर चटर्जी, अभिनेता देबशंकर हलदर व एनआईपी सचिव देबज्योति रॉय आदि मौजूद थे।
रॉय ने कहा कि एनआईपी ने अपनी यात्रा 2002 में शुरू की थी। शुरुआत से ही यह विकलांगों के सामाजिक-सांस्कृतिक और आर्थिक विकास के लिए प्रयासरत है। 2012 में एनआईपी को इस क्षेत्र में उत्कृष्ट उपलब्धि के लिए महिला एवं बाल विकास और समाज कल्याण विभाग से पुरस्कार मिला था।उन्होंने कहा कि एनआईपी ने पहली बार महसूस किया कि दिव्यांगजन बंगाल के सबसे बड़े धार्मिक त्योहार दुर्गा पूजा का आनंद लेने से वंचित हैं। पूजा पंडाल तक पहुंचना न केवल दिव्यांगों के लिए बल्कि वरिष्ठ नागरिकों के लिए भी कठिन काम है।फोरम फॉर दुर्गोत्सव एनआईपी के सहयोग से वरिष्ठ नागरिकों के अनुकूल पंडालों के निर्माण के लिए सर्वश्रेष्ठ पूजा समिति को पुरस्कृत करेगा।
इस अवसर पर सुपर्णा सेनगुप्ता ने कहा कि एनआईपी की ओर से सूचीबद्ध पूजा समितियों के लिए पंडाल प्रोटोकॉल सेट करने के लिए चुना जाना गर्व की बात है। उन्होंने कहा कि कोरोना की तीसरी लहर दस्तक दे रही है और इसके परिणामस्वरूप हमें बाहर जाते समय अतिरिक्त सतर्क रहने की जरूरत है विशेष रूप से पंडाल में। पूजा समितियों को प्रोटोकॉल के अनुसार पंडालों की योजना बनाने की सलाह दी गई है।प्रबीर चटर्जी ने एनआईपी के इस प्रयास की सराहना की और रोटरी क्लब के पूरे सहयोग का आश्वासन दिया।