कोलकाता : भारत की आजादी के 75 वर्ष पूर्ण होने के उपलक्ष में ‘राष्ट्रीय कवि संगम’ पश्चिम बंगाल की युवा शाखा द्वारा ‘रिसड़ा असेम्बली ऑफ़ लिटिल बर्ड हाई स्कूल’ के सभागार में, संस्था के प्रांतीय अध्यक्ष – डॉ. गिरिधर राय के मार्गदर्शन और युवा ओजस्वी कवि देवेश मिश्रा के संयोजन में एक अभूतपूर्व युवा कवि सम्मेलन का सफल आयोजन किया गया जिसकी अध्यक्षता प्रांतीय महामंत्री रामपुकार सिंह ने की।
इस अवसर पर देवेश मिश्रा के कुशल संचालन और संयोजन में प्रांतीय वेब पोर्टल का भी लोकार्पण किया गया। मुख्य अतिथि के रूप में पूर्व प्रधानाध्यापक टी.एन. सिंह एवं विशिष्ट अतिथि के रूप में प्रख्यात कवियित्री श्यामा सिंह और पूर्व प्रधानाध्यापक अशोक कुमार सिंह ने उपस्थित होकर कार्यक्रम की शोभा और भी बढ़ा दी। कार्यक्रम का शुभारम्भ विद्यालय की अध्यापिका सुषमा ठाकुर द्वारा सरस्वती वन्दना की प्रस्तुति के साथ हुआ। इसके पश्चात युवा छात्र अभिषेक दूबे ने श्री राम वन्दना कर सभी का मन मोह लिया।
तत्पश्चात आमंत्रित गणमान्य कवियों, कवयित्रियों द्वारा स्वरचित कविता पाठ किया गया, जिसका आगाज़ किया विकास ठाकुर ने ‘विकसित हिन्दुस्तान चाहिए’ का लगाकर नारा और फिर रंजन मिश्र ने ‘है ज़माना सिर्फ तेरा’ सुनाकर छात्रों का उत्साह उभारा, उसके बाद रूपम महतो ने – ‘ऐ हिन्द के लोगों’ सुनाकर ललकार लगाई और पवन मिश्र ने प्रकृति के माध्यम से अपने मन की बातें बताई। शिक्षक शिव प्रकाश ने ‘शिप्रा नदी’ की महिमा को काव्य के मोतियों में पिरोकर सबके सम्मुख धर दिया और आलोक चौधरी ने ‘हर हर महादेव’ का नारा लगाकर सभी में जोश भर दिया। श्यामा सिंह ने ‘मुट्ठी भर काले काले अक्षर’ का महत्व छात्रों को समझाया और देवेश मिश्र ने बंगाल की धरती का गुणगान सुनाया।
कार्यक्रम के अंत में ‘है जान तिरंगा में’ सुनाकर रामपुकार सिंह ने तिरंगे के प्रति आदर एवं सम्मान की भावना को सभी उपस्थित सुधीजनों एवं छात्रों के ह्रदय में और भी उजागर कर दिया। इनके अलावा शिवानी वर्मा, रोहित राम एवं वरिष्ठ कवि विकास अत्री ने भी अपनी रचनाएँ सुनाकर कार्यक्रम में जमकर तालियाँ बटोरी। कवियों के साथ साथ विद्यालय के कुछ छात्र – छात्राओं ने भी काव्य आवृत्ति की प्रस्तुति दी। उन छात्रों के नाम हैं – नेहा कामत, अभिषेक दूबे, कृतिका मिश्रा एवं विद्या महतो। अंत में विद्यालय के प्रधानाध्यापक संजय सिंह ने धन्यवाद ज्ञापन कर यह अभूतपूर्व कार्यक्रम सुसम्पन्न किया।