कोलकाता, 18 दिसंबर : पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बुधवार को दावा किया कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह द्वारा राज्यसभा में बी आर आंबेडकर के बारे में की गई टिप्पणी सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी की ‘जातिवादी और दलित विरोधी मानसिकता’ का प्रदर्शन है. तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ने टिप्पणी को अपमानजनक बताते हुए दावा किया कि यह उन लाखों लोगों का अपमान है जो मार्गदर्शन और प्रेरणा के लिए आंबेडकर की ओर देखते हैं.
ममता ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर पोस्ट में कहा, ‘‘मुखौटा उतर गया है . जब संसद संविधान की 75 वर्षों की गौरवशाली यात्रा पर विचार कर रही है, गृह मंत्री अमित शाह ने इस अवसर पर बाबासाहेब आंबेडकर के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी कर इसकी (संविधान की) छवि धूमिल करने का काम किया है, वह भी लोकतंत्र के मंदिर में.’’
उन्होंने आरोप लगाया, ‘‘यह भाजपा की जातिवादी और दलित विरोधी मानसिकता का प्रदर्शन है. अगर 240 सीटों पर सिमटने के बाद वे इस तरह का व्यवहार करते हैं, तो कल्पना करें कि अगर उनका 400 सीटों का सपना पूरा हो जाता, तो वे कितना नुकसान पहुंचाते. वे डॉ. आंबेडकर के योगदान को पूरी तरह मिटाने के लिए इतिहास को फिर से लिख देते.’’
भाजपा पर हमला करते हुए बनर्जी ने दावा किया कि एक ऐसी पार्टी से और क्या उम्मीद की जा सकती है, जिसने ‘नफरत और कट्टरता को आत्मसात कर लिया है.’
उन्होंने कहा, ‘‘गृह मंत्री अमित शाह की टिप्पणी उन लाखों लोगों का अपमान है, जो मार्गदर्शन और प्रेरणा के लिए बाबासाहेब की ओर देखते हैंलेकिन आप एक ऐसी पार्टी से और क्या उम्मीद कर सकते हैं, जिसने नफरत और कट्टरता को आत्मसात कर लिया है.’’
मुख्यमंत्री ने दोहराया कि संविधान निर्माता आंबेडकर सम्मान के हकदार हैं. बनर्जी ने कहा, ‘‘डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर संविधान के निर्माता हैं, यह अपमानजनक टिप्पणी न केवल उन पर बल्कि संविधान की प्रारूप समिति के सभी सदस्यों पर सीधा हमला है, जो सभी जातियों, पंथों, नस्लों और धर्मों के सदस्यों के साथ भारत की विविधता में एकता का प्रतीक हैं.’’
ममता के पोस्ट को ‘एक्स’ पर साझा करते हुये तृणमूल कांग्रेस ने दावा किया कि शाह की टिप्पणी जुबान फिसलने की वजह से नहीं आई बल्कि जानबूझकर की गई थी.
तृणमूल ने ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, ‘‘ऐसे समय में जब संसद भारतीय संविधान के 75 साल पूरे होने का जश्न मना रही है, गृह मंत्री अमित शाह ने राज्यसभा में अपने भाषण में बाबासाहेब अंबेडकर का अपमान किया है.’’
पार्टी ने आरोप लगाया गया, ‘‘बगैर कोई गलती किये, यह जुबान फिसलने की वजह से नहीं था; यह दलित समुदाय के प्रति भाजपा की गहरी अवमानना में निहित एक जानबूझकर किया गया, घिनौना हमला था. यह उस पार्टी का असली चेहरा है, जो जाति वर्चस्व, सामाजिक विभाजन और नफरत पर पनपती है.’’
तृणमूल कांग्रेस ने संसद में शाह से बिना शर्त माफी मांगने की मांग की. कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने उच्च सदन में शाह के भाषण का एक वीडियो क्लिप ‘एक्स’ पर साझा किया.
शाह ने विपक्ष पर कटाक्ष करते हुए कहा था, ‘‘अभी एक फैशन हो गया है – आंबेडकर, आंबेडकर, आंबेडकर, आंबेडकर, आंबेडकर, आंबेडकर. इतना नाम अगर भगवान का लेते तो सात जन्मों तक स्वर्ग मिल जाता.’’ शाह ‘भारतीय संविधान के 75 वर्षों की गौरवशाली यात्रा’ पर दो दिवसीय बहस के समापन पर राज्यसभा में उसका जवाब दे रहे थे.
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