कोलकाता। Kolkata Hindi News : कोरोना वायरस के रेकॉर्ड मामलों के बीच, गृह मंत्री अमित शाह ने चुनावी राज्यों में राजनीतिक रैलियों का बचाव किया है। शाह का तर्क है कि जिन राज्यों में चुनाव नहीं हैं, उधर केसेज ज्यादा बढ़े हैं। शाह ने अंग्रेजी अखबार द इंडियन एक्सप्रेस को दिए इंटरव्यू में कहा, “महाराष्ट्र में चुनाव है क्या? उधर 60,000 केसेज हैं, इधर (पश्चिम बंगाल) 4,000 हैं।”
शाह ने कहा, “महाराष्ट्र के लिए भी मुझे अनुकंपा है और इसके लिए भी अनुकंपा है। इसको चुनाव के साथ जोड़ना ठीक नहीं है। किन-किन राज्यों में चुनाव हुआ? जहां चुनाव नहीं हुआ है, उधर ज्यादा बढ़े। अब आप क्या कहेंगे?” गृह मंत्री ने पूछा कि क्या कोविड के दौरान नागरिकता संशोधन अधिनियम (CAA) के खिलाफ प्रदर्शन होने चाहिए?
‘चुनाव में हमारे पास और कोई विकल्प नहीं’
गृह मंत्री से पूछा गया कि रैलियों के दौरान भीड़ में किसी को मास्क न लगाए, सोशल डिस्टेंसिंग का पालन न करते देख कैसा लगता है। जवाब में उन्होंने कहा कि ‘सबको सावधानी बरतनी चाहिए और वे बरत भी रहे हैं। चुनाव लोकतंत्र का एक अहम हिस्सा हैं। जब चुनावों की घोषणा होती है तो हमारे पास कोई और विकल्प नहीं होता।”
लॉकडाउन जल्दबाजी में नहीं करेंगे
अमित शाह ने कहा कि कोरोना के मामलों में बढ़ोतरी के पीछे वे वायरस के नए म्यूटंट्स को वजह मानते हैं। हालांकि उन्होंने कहा कि लॉकडाउन करने का विचार अभी नहीं है। शाह ने कहा, “शुरुआत में लॉकडाउन का मकसद अलग था। हम इन्फ्रास्ट्रक्चर और इलाज को लेकर तैयारियां करना चाहते थे। हमारे पास कोई दवा या वैक्सीन नहीं थी। अब हालात अलग हैं। फिर भी हम मुख्यमंत्रियों से चर्चा कर रहे हैं। जो भी आम सहमति बनेगी, हम उसके अनुसार आगे बढ़ेंगे मगर जल्दबाजी में लॉकडाउन करना, ऐसी स्थिति नहीं दिख रही है।”
इस बार कोरोना की रफ्तार ज्यादा : शाह
शाह ने माना कि इस बार कोविड-19 संक्रमण की रफ्तार बेहद तेज है। उन्होंने कहा कि इस वजह से लड़ाई थोड़ी मुश्किल जरूर हो गई है मगर उन्होंने उम्मीद जताई कि आखिर में हम विजय हासिल करेंगे। कोविड-19 के नए वैरियंट को लेकर शाह ने कहा कि वैज्ञानिक उससे लड़ने के लिए कोशिश कर रहे हैं।