कोलकाता: पश्चिम बंगाल में कोरोना वैक्सीन का संकट खत्म हुआ नहीं की एक और समस्या खड़ी हो गई है। दरअसल बंगाल में अब सीरिंज की भारी किल्लत हो गई है। ऐसे में पश्चिम बंगाल सरकार ने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय को पत्र भेजा है। अब सवाल यह है कि यह कमी क्यों? स्वास्थ्य अधिकारियों ने इसके दो मुख्य कारण बताए हैं। दरअसल, केंद्र द्वारा भेजी गई वैक्सीन की मात्रा को ध्यान में रखते हुए इतनी ही सीरिंज राज्य में आती है।
केंद्र पहले ही सिरिंज सहित वैक्सीन की 2 करोड़ 98 लाख खुराक राज्य को छभेज चुका है। लेकिन यह नहीं भूलना चाहिए कि राज्य सरकार ने अपने पैसे से कोविड वैक्सीन की करीब 17 लाख खुराकें खरीदीं। लेकिन राज्य ने इतनी सीरिंज नहीं खरीदी। स्वास्थ्य भवन के सूत्रों के मुताबिक, राज्य ने इस 17 लाख खुराक के मुकाबले 10 लाख सीरिंज खरीदी। जो सीरिंज की कमी का एक कारण है।
इसके अलावा दूसरा कारण कोविशील्ड की गणना में अंतर है। राज्य में पहले से ही 2 करोड़ 59 लाख कोविशील्ड खुराक दी जा चुकी हैं। स्वास्थ्य भवन का दावा है कि केंद्र प्रति कोविशील्ड शीशी में 10 खुराक की गणना करता है। इसी तरह केंद्र प्रति शीशी 10 सीरिंज भेजता है। लेकिन हकीकत में कई मामलों में कोविशील्ड में एक शीशी से 11 वैक्सीन देना संभव है। हालांकि रजिस्टर में प्रति शीशी 10 लोगों का ही टीकाकरण हो रहा है। नतीजतन, एक अतिरिक्त व्यक्ति को टीका लगाया जा रहा, लेकिन सिरिंज केंद्र द्वारा नहीं मिली।
टीके बर्बाद हो सकता है, मुख्यतः इस विचार के कारण कि प्रत्येक शीशी में अतिरिक्त मात्रा में टीका दिया जाता है। लेकिन यह बिना कहे चला जाता है कि इस राज्य में लगभग कोई वैक्सीन नुकसान नहीं हुआ है। इसके विपरीत, पश्चिम बंगाल ने अन्य राज्यों की तुलना में बहुत अधिक बचत की है। इन दोनों समस्याओं के चलते राज्य में करीब 20 लाख सीरिंज की कमी है।