बीजिंग : दुनिया को अपनी हेकड़ी दिखाने वाले चीन को अमेरिका ने सबक सिखाने का मन बना लिया है। जानकारी के मुताबिक, अमेरिका के दो एडवांस्ड यू-2 जासूसी विमानों ने चीन की सीमा में घुसकर मिलिट्री ड्रिल को अपने कैमरों में कैद कर लिया। यही नहीं घातक हथियारों से लैस इन विमानों को मौका-ए-वारदात पर चीन बेचारगी से देखता रहा।
इस पर आपत्ति जताते हुए राष्ट्रीय रक्षा मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि इस कार्रवाई से ‘सामान्य अभ्यास में गंभीर हस्तक्षेप किया गया।’ मंत्रालय ने प्रवक्ता वू कीन ने कहा कि यह पूरी तरह से उकसावे की कार्रवाई है। इसका कड़ा विरोध किया है और अमेरिका से ऐसी हरकतें रोकने की मांग की है।
बयान में कहा कि चीन का ‘उत्तरी थिएटर कमान’ सैन्य अभ्यास कर रहा था। उसके समय और स्थान संबंधी विस्तृत जानकारी नहीं दी गई। वहीं अमेरिका ने चीन के आरोपों का खंडन नहीं किया। सीएनएन से बातचीत में यूएस एयरफोर्स ने कहा कि हमने अपनी हद में रहकर ही काम किया है।
किसी नियम को नहीं तोड़ा। हम पहले भी हिंद महासागर में ऑपरेशन्स करते आए हैं। आगे भी करते रहेंगे। मिलिट्री एक्सपर्ट कार्ल चेस्टर ने कहा कि मुझे चीन के दावे पर शक है। अमेरिका एयरक्राफ्ट को चीन में घुसने की जरूरत ही नहीं है। वो इतने हाईटेक हैं कि मीलों दूर से ही हर चीज की जानकारी हासिल कर सकते हैं।