नई दिल्ली। अमेरिका के न्याय मंत्रालय ने 17 अक्तूबर 2024 को भारतीय नागरिक विकास यादव पर भाड़े पर हत्या और मनी लॉन्ड्रिंग के गंभीर आरोप दर्ज किए हैं। यह मामला 2023 में न्यूयॉर्क शहर में अमेरिकी नागरिक और सिख अलगाववादी नेता गुरपतवंत सिंह पन्नू की हत्या की साज़िश से जुड़ा है।
अमेरिकी अधिकारियों का कहना है कि इस साज़िश में विकास यादव की मुख्य भूमिका थी, और यादव ने भारत से इस योजना को अंजाम देने की कोशिश की थी। इस मामले में एक और भारतीय नागरिक निखिल गुप्ता को पहले ही हिरासत में लिया जा चुका है।
विकास यादव पर आरोप है कि उन्होंने गुरपतवंत सिंह पन्नू की हत्या के लिए निखिल गुप्ता को भाड़े के हत्यारे की नियुक्ति करने का निर्देश दिया। निखिल गुप्ता ने एक व्यक्ति से संपर्क किया।
जो वास्तव में अमेरिकी ड्रग एनफोर्समेंट एजेंसी (DEA) के साथ काम करने वाला एक अंडरकवर एजेंट था। इस एजेंट ने गुप्ता को एक कथित हिटमैन से मिलवाया, जो असल में DEA का एक अधिकारी था।
आरोपों के अनुसार, विकास यादव ने हत्या के लिए $1,00,000 की रकम तय की थी और इस सौदे के तहत गुप्ता ने हिटमैन को $15,000 की अग्रिम राशि भी दी थी।
यादव ने पन्नू के ठिकाने और उसकी दिनचर्या की जानकारी भी गुप्ता के माध्यम से हिटमैन तक पहुंचाई थी। इस साज़िश का उद्देश्य पन्नू की हत्या को जल्द से जल्द अंजाम देना था, लेकिन इसे भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जून 2023 में अमेरिका यात्रा के समय से पहले टाल दिया गया था।
इस साज़िश के नाकाम होने के बाद अब अमेरिका ने विकास यादव पर हत्या की साज़िश, भाड़े पर हत्या की कोशिश, और मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप लगाए हैं। अगर ये आरोप सिद्ध होते हैं, तो दोनों आरोपियों को 10 से 20 साल तक की जेल की सजा हो सकती है।
भारत सरकार ने इस मामले पर कहा है कि विकास यादव अब भारत सरकार का कर्मचारी नहीं है, और वो अमेरिका के साथ इस मामले की जांच में सहयोग कर रही है।
हालाँकि, प्रत्यर्पण के मामले में विशेषज्ञों का मानना है कि भारत और अमेरिका को अदालत से बाहर कोई राजनीतिक समझौता करना होगा, क्योंकि प्रत्यर्पण से जुड़े मामले कई बार क़ानूनी और राजनीतिक उलझनों में फंस जाते हैं।
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