खड़गपुर : रेलवे ने पैसेंजर ट्रेन सर्विस ऑपरेट करने के लिए प्राइवेट पार्टी के लिए दरवाजे खोल दिए। रेल मंत्रालय 109 जोड़ी प्राइवेट ट्रेन चलाने के लिए रिक्वेस्ट फार क्वालिफिकेशन (आरएफक्यू) मांगा है। पूरे देश के रेलवे नेटवर्क को 12 क्लस्टर में 109 जोड़ी प्राइवेट ट्रेन चलेगी। रेल मंत्रालय का यह कदम निजीकरण की तरफ बढ़ाया गया बड़ा कदम है।
इस विषय पर दक्षिण पूर्व रेलवे मजदूर संघ के जोनल अध्यक्ष प्रहलाद सिंह ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि सरकार का यह कदम निंदनीय है और रेलवे को निजीकरण की ओर ढकलने का एक प्रयास है। जब इस तरह के फैसले लिए जा रहे हैं तब रेलवे दोनों मान्यता प्राप्त फेडेरेशन कान में तेल डालकर सोये हुए हैं।
इससे साबित होता है कि रेल मंत्रालय के इस फैसले में उनकी मिलीभगत हैं। ये दोनों फेडेरेशन के बड़े नेताओं और आकाओं को सिर्फ और सिर्फ अपनी कुर्सी की चिंता है। अपनी कुर्सी की खातिर इन दोनों फेडेरेशनों ने रेल कर्मचारियों की हितों को ताक पर रख दिया है।
लेकिन दक्षिण पूर्व रेलवे मजदूर संघ, रेल मंत्रालय के इस कदम से चिंतित है और रेल मंत्रालय के इस कृत्य की घोर भर्त्सना करता है। साथ ही सरकार को आगाह करते हुए प्रहलाद सिंह ने कहा कि यदि सरकार इस पर लगाम नहीं लगाती है तो दक्षिण पूर्व रेलवे मजदूर संघ आन्दोलन करने के लिए तैयार है।