Pic (2)

अखंड ज्योति आई हॉस्पिटल ने बिहार के ग्रामीण इलाके सारण में चैरिटेबल आई केयर हॉस्पिटल का उद्घाटन किया

कोलकाता: अखंड ज्योति आई हॉस्पिटल ने अपनी पहुंच का विस्तार करते हुए बिहार के सारण जिले के श्रीरामेशपुरम, मस्तीचक में ग्रामीण क्षेत्रों में भारत के सबसे बड़े चैरिटेबल आई केयर हॉस्पिटल का उद्घाटन किया। इस चैरिटेबल आई केयर हॉस्पिटल के खुलने से ग्रामीण क्षेत्र के लोगों को इलाज में 80 प्रतिशत सब्सिडी की सुविधा मिलेगी, वहीं समाज के जरूरतमंद और आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के लोगों को आंखों का मुफ्त इलाज मिलेगा। यह चैरिटेबल आई केयर हॉस्पिटल आम लोगों को रियायती इलाज की सुविधा प्रदान करेगा और ग्रामीण स्तर पर रोजगार के अवसर भी लाएगा।

यह 500 बिस्तरों वाला देश के सबसे बड़े नेत्र अस्पतालों में से एक है जिसे सुदूर गांव मस्तिचक में खोला गया है, जो नेत्र देखभाल से संबंधित सभी आधुनिक उपकरणों से सुसज्जित है, जहां 10 ओपीडी की सुविधा के साथ प्रतिदिन 800 मरीजों की जांच की जा सकती है। इसके अलावा 11 ऑपरेशन थिएटर की क्षमता से रोजाना 500 सर्जरी की जा सकेंगी। साथ ही यह अस्पताल वंचितों को नेत्र बैंकिंग सुविधा और मुफ्त सेवाएं भी प्रदान करता है। यह क्षेत्र का एकमात्र अस्पताल है जहां बच्चों की आंखों की देखभाल की व्यापक सुविधाएं उपलब्ध होंगी।

Pic (1)

ग्रामीण इलाके में खोला गया बेहद आधुनिक सुविधाओं वाला यह अस्पताल स्वास्थ्य क्षेत्र में मील का पत्थर साबित हो सकता है। इस संबंध में अखंड ज्योति आई हॉस्पिटल के संस्थापक मृत्युंजय कुमार तिवारी ने बताया कि मस्तीचक में अत्याधुनिक हॉस्पिटल का निर्माण तेजी से किया जा रहा है। यह दिसंबर 2023 में मरीजों को सेवा देना शुरू कर देगा और मौजूदा अस्पताल के साथ मिलकर सालाना 1 लाख 50 हजार से अधिक सर्जरी की क्षमता तैयार करेगा। हमारा मुख्य उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों में चैरिटेबल आई केयर हॉस्पिटल के साथ रोजगार और महिला सशक्तिकरण पर ध्यान केंद्रित करना है।

उन्होंने कहा कि अखंड ज्योति अपने स्थापना काल से ही नवप्रवर्तन पर कार्य कर रही है। हम ग्रामीण और दूरदराज के क्षेत्रों में उच्च गुणवत्ता वाली नेत्र देखभाल प्रदान करने में सक्षम हैं और निरंतर सुधार की प्रक्रिया में हैं। अखंड ज्योति नेत्र स्वास्थ्य पर ध्यान केंद्रित करते हुए निम्न आय वर्ग की युवा महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए 2005 से काम कर रही है। इस विशेष अवसर पर, संस्थापक मृत्युंजय तिवारी ने इस परियोजना का समर्थन करने वाले सभी भागीदारों, विशेष रूप से शंकरा आई फाउंडेशन, यूएसए और बजाज फिनसर्व, पुणे के प्रति आभार व्यक्त किया।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

five × 3 =