नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने एक इंटरव्यू में कहा जहां तक मोदी का सवाल है, मैं तो पिछले 24 साल से गालियां खा-खा कर गाली प्रूफ बन गया हूं। ‘मौत का सौदागर’ और ‘गंदी नाली का कीड़ा’ किसने कहा था? संसद में हमारे एक साथी ने हिसाब लगाया था, 101 गालियां गिनाई थीं। तो चाहे चुनाव हो या न हो, ये लोग (विपक्ष) मानते हैं कि गालियां देने का हक उनका ही है और वे इतने हताश-निराश हो चुके हैं कि गालियां देना अपशब्द बोलना उनका स्वभाव बन गया है।
नरेंद्र मोदी ने बताया, “आपने आखिरी दौर शब्द का इस्तेमाल किया, मुझे उसमें बहुत सी चीजें नजर आ रही है। एक तो यह कि हमारा नया युग शुरू होगा। दूसरा जो लोग बड़े सपने देख कर बड़े वादे कर रहे थे, यह उनके लिए भी आखिरी दौर है। चुनाव का आखिरी दौर है ऐसा नहीं है, यह उनकी स्थितियों का भी आखिरी दौर है।
मोदी ने आरक्षण पर बात करते हुए कहा मुझे मेरे SC,ST, OBC और अति पिछड़े भाई बहनों को सचेत करना है, क्योंकि इनको अंधेरे में रख कर के ये लोग लूट चला रहे हैं। चुनाव एक ऐसा समय है जो सबसे बड़ा संकट आ रहा है उससे देशवासियों को मुझे जागरूक करना चाहिए। इसलिए मैं आग्रह पूर्वक जनता जनार्दन को समझा रहा हूं।
दो चीजें हो रही हैं- एक भारत के संविधान की मूल भावना का हनन हो रहा है। संविधान की मर्यादाओं का तार-तार कर दिया जा रहा है और वो भी अपनी वोट बैंक की राजनीति के लिए। मुझे याद है मैंने सदन में कभी कांग्रेस के नेताओं को सुना तो वे कहते थे कि PSU का आप नीजिकरण कर रहे हैं तो आप आरक्षण मिटा देना चाहते हैं।
ये सच्चाई नहीं है। जो लोग अपने आप को दलितों के हितैशी कहते हैं, आदिवासियों के हितैशी कहते हैं वे हकीकत में उनके घोर दुश्मन हैं। इन्होंने रातों रात शैक्षणिक संस्थानों को अल्पसंख्यक संस्थान बना दिया और उसमें आरक्षण खत्म कर दिया…।
दिल्ली में जो जामिया मिलिया इस्लामिया विश्वविद्यालय है उसमें सारे आरक्षण खत्म हो गए। बाद में उभर कर आया कि करीब-करीब 10 हजार ऐसे संस्थान हैं जिसको इस प्रकार से आरक्षण के SC,ST, OBC के अधिकार को पिछले दरवाजे से छीन लिया गया है।
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