पन्ना रत्न पहनने के फायदे और नुकसान

वाराणसी। पन्ना धारण करने के फायदे और नुकसान क्या है आइए जानते हैं ज्योतिर्विद रत्न वास्तु दैवज्ञ पंडित मनोज कृष्ण शास्त्री जी से।
-ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, पन्ना बुध का रत्न होता है। इसे धारण करने से ना सिर्फ स्मरण शक्ति बढ़ती है, बल्कि बुद्धि भी तेज होती है।
-नौकरी और व्यापार में उन्नति के लिए भी पन्ना रत्न धारण करने की सलाह दी जाती है।
-पन्ना रत्न धारण करने से वाणी प्रभावशाली होती है।
-ज्योतिष शास्त्र के अनुसार पन्ना पहनने से अन्न-धन में वृद्धि होती है और सुयोग्य संतान प्राप्त होती है।

समझदार और बौद्धिक बनाता है
क्रिएटिविटी बढ़ाता है धन वृद्धि में सहायक संचार शक्ति बढ़ाता है शारीरिक स्वास्थ्य के लिए लाभकारी प्रसिद्धि पाने में मददगार

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, पन्ना बुध ग्रह का रत्न माना जाता है और बुध ग्रह वाणी, बुद्धि, व्यापार, बहन, मौसी और बुआ का कारक ग्रह होता है। यह रत्न मुख्यत: 5 रंगों में उपलब्ध होता है। तोता पंखी हरा, पानी जैसा रंग, मोर पंखी रंग, सरेस के फूल जैसा रंग और हल्के संदुल के फूल जैसा रंग।

किसे धारण करना चाहिए पन्ना?
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार जिसकी लग्न कन्या या मिथुन है, वह जातक पन्ना रत्न धारण कर सकता है। परंतु यह देखना आवश्यक होता है कि लग्न में कौन सा ग्रह है या लग्न के सामने सप्तम भाव में कौन सा ग्रह है।

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, यदि किसी जातक की कुंडली में बुद्ध की महादशा या अंतर्दशा चल रही हो, बुध ग्रह 8वें या 12वें भाव में नहीं हो, तो वह व्यक्ति पन्ना रत्न धारण कर सकता है।

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, यदि किसी जातक की कुंडली में बुध, मंगल, शनि, राहु या केतु के साथ स्थित हो या उस पर शत्रु ग्रहों की दृष्टि हो, तो पन्ना रत्न धारण किया जा सकता है। इससे नौकरी और व्यवसाय में आ रही समस्या दूर होगी।

किसे नहीं धारण करना चाहिए पन्ना?
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, पन्ना धारण करने के पहले ज्योतिषी से परामर्श लेना अत्यंत आवश्यक है।
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, जिस व्यक्ति की कुंडली में 6वें, 8वें और 12वें भाव का स्वामी बुध है, उसे पन्ना रत्न नुकसान पहुंचा सकता है।
जिस जातक की कुंडली में बुध की महादशा चल रही है, बुद्ध छठे वें भाव में बैठा है, तो उस व्यक्ति को पन्ना रत्न धारण करने से बचना चाहिए

पन्ना, बेरिल (Be3Al2(SiO3) नामक खनिज का एक प्रकार है जो हरे रंग का होता है और जिसे क्रोमियम और कभी-कभी वैनेडियम की मात्रा से पहचाना जाता है। खनिज की कठोरता मापने वाले 10 अंकीय मोहस पैमाने पर बेरिल की कठोरता 7.5 से 8 तक होती है। अधिकांश पन्ना बहुत अधिक अंतर्विष्ट होते हैं।

सूचना विशेष : हम भाग्य के ज्ञाता हैं भाग्य विधाता नही।

ज्योतिर्विद रत्न वास्तु दैवज्ञ
पंडित मनोज कृष्ण शास्त्री
मो. 9993874848

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