नयी दिल्ली। अयोध्या में राम मंदिर के लिए हुए आंदोलन का नेतृत्व करने वाले बीजेपी के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी और मुरली मनोहर जोशी के अगले महीने होने जा रहे मंदिर के प्राण-प्रतिष्ठा समारोह में शामिल होने की संभावना लगभग न के बराबर है। मंदिर के ट्रस्ट के हवाले से अंग्रेज़ी अख़बार इंडियन एक्सप्रेस ने इसकी जानकारी दी है।
ट्रस्ट ने कहा है कि दोनों वरिष्ठ नेताओं के उम्र और स्वास्थ्य की वजह से उनके समारोह में आने की संभावना कम ही है। राम मंदिर ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने मीडिया से कहा, “दोनों नेता परिवार के बड़े हैं और उनकी उम्र को देखते हुए, उनसे समारोह में न आने के के लिए कहा गया है, जिसे दोनों ने स्वीकार भी कर लिया है।”
राय ने ये भी कहा कि 22 जनवरी को होने जा रही प्राण-प्रतिष्ठा की तैयारी ज़ोर-शोर से चल रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी इस कार्यक्रम में शामिल होंगे। चंपत राय ने कहा कि 15 जनवरी तक तैयारियां पूरी हो जाएंगी और ‘प्राण प्रतिष्ठा’ के लिए पूजा 16 जनवरी से शुरू होकर 22 जनवरी तक चलेगी।
इस समारोह में बुलाए गए मेहमानों की विस्तृत सूची की जानकारी देते हुए चंपत राय ने कहा कि आडवाणी और जोशी उम्र और स्वास्थ्य संबंधी कारणों की वजह से शायद इसमें शामिल न हों। उन्होंने कहा, “आडवाणी जी का होना अनिवार्य है लेकिन हम ये भी कहेंगे उनसे कि वह न आएं।
डॉक्टर जोशी से मेरी सीधी बात हुई है। मैं यही कहता रहा कि आप मत आइए, और वह ज़िद करते रहे कि वो आएंगे। मैं बार-बार कहता रहा कि आपकी आयु अधिक है, सर्दी है और आपने घुटने भी बदलवाए हैं।”
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