कोलकाता। पश्चिम बंगाल में लगातार बढ़ते डेंगू के मामले ने प्रशासन की चिंता बढ़ा दी है। राज्य में डेंगू के मामले बढ़कर 51 हजार तक पहुंच गए है। जिलों के सरकारी और निजी अस्पताल मरीजों से भर गये हैं। इन हालातों को देखते हुए राज्य सचिवालय नबान्न में गहन बैठक हुई। राज्य के मुख्य सचिव हरिकृष्ण द्विवेदी ने सभी बड़े स्वास्थ्य अधिकारियों के साथ एक वर्चुअल बैठक की। द्विवेदी ने डेंगू संक्रमण को लेकर चिंता जताई है।
खासतौर पर राज्य के 4 जिलों में डेंगू संक्रमण ज्यादा है। इन चार जिलों में कोलकाता, हावड़ा, हुगली और उत्तर 24 परगना शामिल हैं। बैठक में जिलों में डेंगू नियंत्रण के लिए कई कदम उठाने का निर्देश दिया। राजधानी कोलकाता में डेंगू से निपटने के लिए मेडिकल की टीमों को तैनात किया गया है। बैठक में डेंगू पर नियंत्रण के लिए सबसे पहले साफ-सफाई पर खास ध्यान देने को कहा गया।
आमतौर पर जिन इलाकों में खुले नाले और जलाशय हैं। ऐसे जगह मच्छरों को पनपने का वातावरण मिल जाता है। अधिक संक्रमण वाले क्षेत्रों में डोर-टू-डोर कैंपेन चलाया जाएगा। डेंगू मच्छरों के लार्वा को मारने लिए लगातार दवा का छिड़काव करने का निर्देश दिया है। साथ ही स्वास्थ्य विभाग की मेडिकल टीम अलग-अलग इलाकों का दौरा करेगी। स्वास्थ्य विभाग के सूत्रों ने बताया कि इस साल राज्य में डेंगू के मामले 3 गुणा बढ़ गए हैं।