भगवद गीता का संदेश फैलाने के लिए उठाया ये बड़ा कदम : भारत वर्ष के छात्रों को जीवन मार्गदर्शक ग्रंथ ‘श्रीमद्भागवत गीता’ की 1.25 लाख प्रतियां वितरित की जाएंगी
काली दास पाण्डेय, मुंबई । शिक्षाविद् और यूनेस्को के अध्यक्ष प्रोफेसर डॉ. विश्वनाथ डी कराड ने भगवद गीता संदेश फैलाने के लिए भारत वर्ष के छात्रों को जीवन मार्गदर्शक ग्रंथ ‘भगवद गीता की 1.25 लाख प्रतियां वितरण करने का निर्णय लिया है। इस पुनीत कार्य का शुभारंभ भगवद गीता ज्ञान भवन, विश्व शांति गुंबद पुणे (महाराष्ट) में किया जा चुका है। प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल ही में कहा था “मेरे पास दुनिया को देने के लिए श्रीमद्भागवत गीता से बेहतर कुछ नहीं है और दुनिया के पास लेने के लिए इससे बड़ा कुछ नहीं है”। इसी संदेश से प्रेरित हो कर डॉ. विश्वनाथ डी कराड ने निर्णय लिया कि इस कार्यक्रम की शुरुआत एमएईईआर के एमआईटी वर्ल्ड पीस यूनिवर्सिटी, लोनी कालभोर, पुणे में विश्व शांति सम्मेलन के उद्घाटन के अवसर पर करते हुए देश भर के विभिन्न केंद्रों में छात्रों को भागवत गीता वितरित किया जाय।
इसी क्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भी डॉ. विश्वनाथ डी कराड अनमोल भेंट स्वरूप ‘श्रीमद्भागवत गीता’ देंगे। एमएईईआर के एमआईटी वर्ल्ड पीस यूनिवर्सिटी के संस्थापक अध्यक्ष प्रोफेसर डॉ. विश्वनाथ डी कराड कहते हैं, “श्रीमद् भागवत गीता में उल्लेखनीय शिक्षाओं को पढ़ने, समझने और लागू करने के कई कारण हैं। पुस्तक सभी वैदिक ज्ञान का सार है जिसे सत्य साधक कभी भी एकत्र कर सकेंगे। गीता में प्रकट सत्यों को आधुनिक विज्ञान द्वारा बहुत बार सत्यापित किया जा रहा है। श्रीमद् भागवत गीता की कथा दो पात्रों के बीच संवाद नहीं है, बल्कि मनुष्य के बीच भगवान संदेश वाहक के रूप में है, जैसा कि क्रमशः अर्जुन और श्री कृष्ण के रूप में दर्शाया गया है।
विदित हो कि प्रोफेसर डॉ. विश्वनाथ डी कराड ने एक शांति स्मारक की आधारशिला रखी है। यह स्मारक उसी भूखंड पर है जहाँ ग्रेट शो मैन स्व. राज कपूर का फार्महाउस था, उसे डॉ. कराड ने कपूर परिवार से 20 वर्ष पूर्व खरीदा था और इसके तुरंत बाद उन्होंने ‘शांति स्मारक’ की परिकल्पना के अनुरूप काम करना शुरू कर दिया। स्व. राज कपूर ने अपनी वसीयत में लिखा था कि उनका फार्म हाउस अगर कभी बिक जाता है तो उसे किसी शिक्षण संस्थान में चला जाना चाहिए। स्व. राज कपूर का बंगला, जो अभी भी जमीन पर मौजूद है, उनकी सर्वश्रेष्ठ फिल्मों के पोस्टर्स, सात शिवालयों के स्वरूप को सुरक्षित रखते हुए डॉ. विश्वनाथ डी कराड शांति स्मारक में विश्व शांति गुंबद भी स्थापित करेंगे।
दिलचस्प बात यह है कि डॉ. कराड द्वारा वितरित की जा रही श्रीमद्भगवद गीता के इस खंड में प्राचीन ज्ञान, वसुधैव कुटुम्बकम और एकम सत विप्र बहुदा वदंती के वास्तविक प्रतिबिंब को रेखांकित करने वाले विश्व के कुछ धर्मों की महत्वपूर्ण जानकारी भी शामिल होगी, जो एक बनाते हैं। सभी विश्व धर्मों के बीच विश्व शांति और सद्भाव के एकमात्र संदेश को महसूस करें। वैसे देखा जाय तो भगवद गीता का वितरण विश्व शांति गुंबद और श्रीमद् भागवत गीता ज्ञान भवन के उद्घाटन का भी प्रतीक है जो विश्व धर्मों, दर्शन और विज्ञान के वास्तविक संगम को परिभाषित करता है।
बकौल प्रोफेसर डॉ. विश्वनाथ डी कराड ‘श्रीमद्भागवत गीता’ हर किसी के व्यक्तिगत आस्था, विश्वास और पसंद का सम्मान करती है और आपको ज्ञान में महारत हासिल करने के लिए मार्गदर्शन करती है और इसका उपयोग आपको उच्चतम संभव पदों पर उठाने के लिए करती है। छात्रों को पूर्ण ज्ञान से लैस करने से न केवल उनकी बुद्धि का स्तर बढ़ता है, बल्कि उन्हें दुनिया को संभालने और अपने कर्तव्यों को पूरी लगन से निभाने में मदद मिलती है।