यमुना की सफाई के लिए छह सूत्री कार्ययोजना तैयार की गई : केजरीवाल

नयी दिल्ली। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने गुरुवार को कहा कि फरवरी 2025 तक यमुना को स्नान योग्य बनाने के लिए उनकी सरकार ने छह सूत्री कार्ययोजना तैयार की है।  नए मलजल शोधन संयंत्र बनाए जा रहे हैं और पुराने संयंत्र को तकनीकी रूप से उन्नत किया जाएगा। केजरीवाल ने कहा, ‘‘इससे हमारी मलजल शोधन क्षमता लगभग 60 करोड़ गैलन प्रतिदिन (एमजीडी) अपशिष्ट जल से बढ़कर 750 एमजीडी- 800 एमजीडी हो जाएगी।’’ यमुना में जिन चार प्रमुख नालों- नजफगढ़, बादशाहपुर, सप्लीमेंट्री और गाजीपुर का पानी आता है, उनकों उनके मूल स्थान पर ही शोधित किया जा रहा है।

आम आदमी पार्टी (आप) के नेता ने कहा कि सरकार यमुना में औद्योगिक कचरे विसर्जित करने वाले उद्योगों को बंद कर देगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि ‘झुग्गी-झोपड़ी’ से आने वाले अपशिष्ट जल को सीवर नेटवर्क से जोड़ा जाएगा, जिनका पानी अभी यमुना में जाता है। सरकार उन क्षेत्रों में घरेलू ‘कनेक्शन’ उपलब्ध कराएगी जहां सीवर नेटवर्क है। पहले उपभोक्ताओं को ‘कनेक्शन’ खुद लेना पड़ता था। हमारे अभियंताओं तथा अधिकारियों को उम्मीद है कि हम छह सूत्री कार्ययोजना लागू कर फरवरी 2025 तक यमुना को साफ कर पाएंगे।

संबंधित प्रत्येक कार्य के लिए विशिष्ट लक्ष्य तय किए गए हैं, मैं व्यक्तिगत रूप से इसकी प्रगति की निगरानी करूंगा।’’ दिल्ली में एक दिन में लगभग 72 करोड़ गैलन अपशिष्ट जल उत्पन्न होता है। शहर भर में 20 स्थानों पर 35 एसटीपी, 597 एमजीडी तक मलजल का शोधन कर सकते हैं और अपनी क्षमता का लगभग 90 प्रतिशत उपयोग कर रहे हैं। वहीं, विशेषज्ञों के अनुसार, यमुना में झाग की प्राथमिक वजह डाई उद्योग में इस्तेमाल फोस्फेट की उच्च मात्रा, दिल्ली, हरियाणा एवं उत्तर प्रदेश के घरों और धोबी घाट पर इस्तेमाल होने वाले डिटर्जेंट है। ‘

कॉमन एफ्लुएंट ट्रीटमेंट प्लांट’ (सीईटीपी) और एसटीपी की जलशोधन की खराब गुणवत्ता अन्य कारण हैं। गौरतलब है कि छठ पूजा के अवसर पर यमुना नदी की सतह पर तैरते झाग में पूजा करते व्रतियों की तस्वीरें और वीडियो सामने आने के बाद दिल्ली में सत्तारूढ़ आप और भारतीय जनता पार्टी के बीच राजनीतिक खींचतान शुरू हो गई है।

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