किरण नांदगाँवकर, बुरहानपुर (मध्यप्रदेश) : पिछले कुछ हफ्तों से भारतीय खेल प्रेमी यूरो कप, कोपा अमेरिका कप और विंम्बलडन जैसी फुटबॉल और लॉन टेनिस की प्रतिष्ठित स्पर्धाएँ देखने में मशगूल थे। लेकिन अब आज से फिर से क्रिकेट का जूनून देखने में व्यस्त हो जाऐंगे।
आज से भारत और श्रीलंका की टीमें तीन एकदिवसीय और तीन टी-20 मैचों की श्रृंखलाएं खेलने जा रही है। हालांकि श्रीलंका की टीम का वर्तमान क्रिकेट स्तर जिस तरह का है उससे प्रतिस्पर्धात्मक क्रिकेट की संभावना कम ही है। फिर भी भारत के युवा जो इस दौरे पर मैदान में उतरेंगे भारतीय क्रिकेट प्रेमी उन युवाओं का दमदार प्रदर्शन देखना चाहेंगे।
यहीं नहीं चयनकर्ताओं की निगाह भी इस श्रृंखला पर रहेंगी। क्योंकि इसी वर्ष अक्टूबर माह में टी-20 विश्व कप शुरु हो रहा है इसलिए चयनकर्ता भी चाहेंगे की कोई नवोदित ऐसा प्रदर्शन करें की वे उसे चयनित करने को बाध्य हो जाय।
भारत की मुख्य टीम विराट कोहली के नेतृत्व में चूंकी इस वक्त इंग्लैंड के लम्बे टेस्ट दौरे पर है इसलिए श्रीलंका के इस दौरे हेतु शिखर धवन कप्तान और भूवनेश्वर कुमार उपकप्तान है, शेष टीम में ज्यादातर युवा ही है। हालांकि इन युवाओं को सभी बार-बार आईपीएल में खेलते देख चूके है। फिर भी विश्व कप के अवसर को कौन अपनी प्रतिभा से भूनाता है देखना दिलचस्प होगा।
श्रीलंका की टीम इस वक्त बहुत खराब दौर से गूजर रही है। श्रीलंका में पूर्व में हर दौर में कोई ना कोई ऐसे दो-चार खिलाड़ी होते थे जो अंतरराष्ट्रीय स्तर पर श्रीलंका के लिए अच्छा प्रदर्शन कर कुछ अप्रत्याशित परिणाम निर्मित कर ही देते थे। मेंडिस, रणतूंगा, अटपट्टू, जयसूर्या, विथरना, महानामा, चमिंडा वास, मुरलीधरन, मलिंगा, जयवर्धने, संगाकारा ऐसे ही कुछ नाम है जिन्होंने लंकाई क्रिकेट को विश्व स्तरीय बनाया। लेकिन इस वक्त श्रीलंकाई क्रिकेट नई प्रतिभाओं के उम्दा प्रदर्शन के लिए जूझ रही है। इस वजह से वे लगातार हार रहे है।
श्रीलंका बांग्लादेश और वेस्टइंडीज से अभी हारी और फिर उसको इंग्लैंड ने उसके घर में जाकर और फिर अपने ही घर में बुलाकर बुरी तरह हराया है। इन सारी पराजयों से श्रीलंकाई टीम का आत्मविश्वास निश्चित ही रसातल में होंगा और फिर भारत की टीम विश्व में सर्वश्रेष्ठ मानी जाती है इसलिए यह आत्मविश्वास और डांवाडोल होगा।
वैसे शिखर धवन के नेतृत्व में पूरी युवा टीम लंका दौरे पर है, लेकिन इसके लगभग पंद्रह खिलाड़ी अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट का अनुभव रखते है, इसलिए श्रीलंका यदि एक और श्रृंखला गंवाती है तो कोई आश्चर्य नहीं होना चाहिए। वैसे प्रतिष्ठा के नाम पर श्रीलंका के पास गंवाने को कुछ नहीं है, लेकिन भारत यदि भूल से भी हार जाता है तो भारत की छविं धूमिल होंगी, क्योंकि बांग्लादेश, वेस्टइंडीज, इंग्लैंड से सतत् हारने वाली दोयम टीम का ठप्पा फिर श्रीलंका का पर नहीं, शिखरधवन की टीम पर लग जायेगा। वैसे इसकी संभावना ना के बराबर है। भारतीय टीम को शुभकामनाएं।