साहित्य अकादेमी के पूर्वी क्षेत्रीय कार्यालय, कोलकाता द्वारा एक विमर्श का आयोजन किया गया

कोलकाता। साहित्य अकादेमी के पूर्वी क्षेत्रीय कार्यालय, कोलकाता द्वारा ‘साहित्य मंच’ कार्यक्रम के अंतर्गत “बांग्ला साहित्य में लोक तत्व” विषय पर एक विमर्श का आयोजन किया गया, जिसकी अध्यक्षता प्रख्यात लोक साहित्यविद् शक्तिनाथ झा ने की। कार्यक्रम के आरंभ में साहित्य अकादेमी के क्षेत्रीय सचिव देवेंद्र कुमार देवेश ने लोक साहित्य और लोकतत्व की विशेषताओं पर प्रकाश डालते हुए इसके विभिन्न रूपों का उल्लेख किया।

चंदन सेन ने बांग्ला नाट्यसाहित्य झड़ेश्वर चट्टोपाध्याय ने बांग्ला कथा साहित्य और विभास रायचौधुरी ने बांग्ला काव्य साहित्य के संदर्भ में अपने वक्तव्य दिए। वक्ताओं ने विभिन्न रचनाओं का उल्लेख करते हुए यह बताया कि किस तरह से और किस तरह के लोक तत्वों का, लोक रचनाओं का उपयोग बांग्ला साहित्य में अद्यतन किया जाता रहा है। अपने अध्यक्षीय वक्तव्य में शक्तिनाथ झा ने कहा कि यह कहना भूल होगी कि लोक साहित्य केवल मौखिक साहित्य है अथवा ऐसा साहित्य है, जिसके रचनाकार का पता नहीं है।

पिछले हजार सालों से लोक साहित्य विविध रूपों में रचनाकारों के नाम के साथ उपलब्ध है और आज के समय में भी आधुनिक लेखकों द्वारा लोक साहित्य का निर्वहन और लेखन निरंतर किया जा रहा है। कार्यक्रम का संचालन करते हुए अकादेमी के कार्यक्रम अधिकारी मिहिर कुमार साहू ने अंत में औपचारिक धन्यवाद ज्ञापन किया।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

nineteen − three =