तनावमुक्त जीवन के सूत्रों पर हुई विशद चर्चा

रिसड़ाः रिसड़ा के श्रीनारायण धाम में जीवन मंत्र व्याख्यान श्रृंखला के तहत जीवन में तनाव के कैसे बचें पर एक सुपरिचित साहित्यकार-पत्रकार डॉ.अभिज्ञात ने अपने प्रभावी वक्तव्य से लोगों की मनोदशा में सकारात्मक बदलाव लाने के सुझाव दिये। उन्होंने इसके लिए कुछ सूत्र भी दिये। नकारात्मक भाव सुन्दर को असुंदर, संगीत को कर्णकटु और स्वादिष्ट को बेस्वाद बना देता है। मनोस्थिति बाह्य जगत की प्रभावशीलता का निर्माण करती है।

यदि कोई विचार आपका लगातार पीछा कर रहा है और तनाव पैदा कर रहा है तो इसका अर्थ यह है कि आपमें एकाग्रता की खूबी है। लेकिन अभ्यास के जरिये अपने मन हो हांकना भी आना चाहिए। हर क्षण जीवन बदल रहा है और उसमें बहुत कुछ सुन्दर और सुखद है। क्षण क्षण के रस निचोड़ना आना चाहिए, इससे न तो अवसाद आयेगा और ना ही तनाव। जीवन किसी बड़ी कामयाबी के इन्तजार में मत खत्म करें छोटी छोटी उपलब्धियां ही जीवन को बनाती हैं।

यह न भूलें कि जितनी बड़ी कामयाबी होगी उतनी ही कीमत भी वसूलेगी। कार्यक्रम स्वामी केशवानंद जी महाराज के सान्निध्य में सम्पन्न हुआ। उन्होंने जीवन में तनाव के आध्यात्मिक पहलुओं की चर्चा की और पौराणिक प्रसंगों से तनाव के सकारात्मक पहलुओं की भी व्याख्या की। स्वागत भाषण डॉ.पीके अग्रवाल ने दिया। कार्यक्रम का संचालन संतोष कुमार सिंह ने किया।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

1 + twenty =