कोलकाता। चीन के बाद भारत में जिस एचएमपीवी (ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस) से संक्रमण को लेकर डर का माहौल बन रहा है, उसका एक मामला दो महीने पहले ही पश्चिम बंगाल से सामने आ चुका है। खास बात ये है कि इस बीमारी से संक्रमित एक छह महीने के बच्चे को सफलतापूर्वक स्वस्थ भी कर लिया गया। यह मामला कोलकाता के पीयरलेस अस्पताल का है।
डॉक्टरों की मेहनत और सही इलाज ने यह साबित कर दिया कि इस वायरस से डरने की जरूरत नहीं, बल्कि समय पर इलाज से इसे हराया जा सकता है।
पियरलेस अस्पताल की शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ. साहेली दासगुप्ता ने बताया कि यह मामला उस समय सामने आया, जब मुंबई से आए एक दंपति का छह महीने का बच्चा तेज बुखार, सर्दी, खांसी और डायरिया से पीड़ित था।
हालत इतनी गंभीर हो गई कि बच्चे को सांस लेने में दिक्कत होने लगी और उसे क्रिटिकल केयर यूनिट में भर्ती करना पड़ा। डॉ. साहेली दासगुप्ता के अनुसार, बच्चे के गले और नाक से सैंपल लेकर किए गए परीक्षण में एचएमपीवी संक्रमण की पुष्टि हुई।
इसके बाद तुरंत सपोर्टिव ट्रीटमेंट शुरू किया गया। डॉक्टरों की मेहनत रंग लाई और कुछ दिनों के अंदर बच्चा पूरी तरह से स्वस्थ हो गया।
यह केस दिखाता है कि बंगाल के डॉक्टरों ने इस वायरस से निपटने की दिशा में एक बड़ी सफलता हासिल की है। डॉ. दासगुप्ता का कहना है कि एचएमपीवी वायरस नया नहीं है, लेकिन इसके स्ट्रेन बदलने से गंभीरता बढ़ सकती है। हालांकि, सही समय पर जांच और इलाज से इसे पूरी तरह ठीक किया जा सकता है।
- एचएमपीवी वायरस के लक्षण और सावधानियां
एचएमपीवी मुख्य रूप से बच्चों और बुजुर्गों को प्रभावित करता है। इसके लक्षणों में तेज बुखार, सर्दी, खांसी, डायरिया और सांस लेने में दिक्कत शामिल हैं। डॉक्टरों का सुझाव है कि यदि बच्चे में ऐसे लक्षण दिखें तो तुरंत विशेषज्ञ से संपर्क करें और खुद से इलाज करने की कोशिश न करें।
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