डॉ. आर.बी. दास की रचना…
विचार बहता हुआ पानी है! यदि आप इसमें गंदगी मिला देंगे तो वह नाला बन
अशोक वर्मा “हमदर्द” की कविता : मैं वही हूँ
।।मैं वही हूँ।। अशोक वर्मा “हमदर्द” मैं वही हूँ जो कभी शोषित हुआ करता था
स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर कवि सम्मेलन का आयोजन
कोलकाता। मकस कहानिका के झारखंड अध्याय द्वारा सावन के पावन महीन और स्वतंत्रता दिवस के
डॉ. विक्रम चौरसिया की कविता : जागो युवाओं, बुलंद अपनी आवाज करो
।।जागो युवाओं, बुलंद अपनी आवाज करो।। डॉ. विक्रम चौरसिया सुनो, राष्ट्र निर्माताओं यह आखिर कैसी
राजीव कुमार झा की कविता : बधाई
।।बधाई।। राजीव कुमार झा यह हंसी नये मौसम की धूप आकाश में छिटकी हवा घेरकर
अनुराधा वर्मा “अनु” की कविता : संयुक्त परिवार
।।संयुक्त परिवार।। अनुराधा वर्मा “अनु” अपना ये संयुक्त परिवार जहां खुले सुख समृद्धि का द्वार
राजीव कुमार झा की कविता : बेहद संयम से
।।बेहद संयम से।। राजीव कुमार झा जो कोई नारी से प्रपंच रचेगा वही नरक में
राजीव कुमार झा की कविता : सन्नाटे से भरे दिन
।।सन्नाटे से भरे दिन।। राजीव कुमार झा अच्छे दिनों के पास आकर हम तब सबसे
राजीव कुमार झा की कविता : मौसम
।।मौसम।। राजीव कुमार झा हम कहां राह में अब रुक जाते तुम्हारे चरणों पर शीश