श्रीराम भारत की संपूर्ण सांस्कृतिक चेतना के प्रतीक हैं- पूर्व कुलपति प्रो. मिश्र

श्रीराम लला स्वरूप रूपांकन एवं सृजन सम्मान हुआ रामनवमी पर, प्रो मिश्र का हुआ सारस्वत सम्मान
रामनवमी पर्व पर बनाई गई श्री रामलला की बहुरंगी रंगोली विक्रम विश्वविद्यालय के वाग्देवी भवन में

उज्जैन। विक्रम विश्वविद्यालय, उज्जैन में रामनवमी के पावन अवसर पर पूर्व परम्परानुसार रूपांकन एवं सृजन सम्मान समारोह का आयोजन वाग्देवी भवन में 17 अप्रैल को प्रातः 10 बजे किया गया। इसमें ललित कला अध्ययनशाला के विद्यार्थी- कलाकारों द्वारा रंगोली के माध्यम से श्रीरामलला स्वरूप रूपांकन तथा विश्वविद्यालय के प्रतिभाशाली विद्यार्थी कलाकारों का सम्मान किया गया। विशिष्ट उद्बोधन मुख्य अतिथि पूर्व कुलपति प्रो. राम राजेश मिश्र ने दिया। प्रभारी कुलपति प्रो. शैलेंद्र कुमार शर्मा की अध्यक्षता में संपन्न इस कार्यक्रम में बड़ी संख्या में कलाकार, साहित्यकार एवं कला प्रेमियों ने भाग लिया।

विक्रम विश्वविद्यालय एवं रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय जबलपुर के पूर्व कुलपति प्रोफेसर राम राजेश मिश्र ने अपने उद्बोधन में कहा कि श्रीराम सर्वव्यापी हैं। वे भारत की संपूर्ण सांस्कृतिक चेतना के प्रतीक हैं। उन्होंने जिसका स्पर्श किया, वह मुक्त हो गया। सभी प्रकार की जड़ता से मुक्ति का मार्ग श्री राम दिखाते हैं। सदियों से उनका चरित्र जीवन में नई राह दिखा रहा है। विक्रम विश्वविद्यालय के प्रभारी कुलपति प्रो. शैलेंद्र कुमार शर्मा ने कहा कि राम भारत की आत्मा के प्रतीक हैं। उनका आचार और व्यवहार अक्षय प्रेरणा का स्रोत है। श्री राघवेन्द्र का चरित्र सदैव धर्म, अर्थ, काम, मोक्ष और भक्ति जैसे समस्त पुरुषार्थों को देने वाला है। सम्पूर्ण गुणों से युक्त श्रीराम की पावन उपस्थिति लोक और शास्त्र सबको नई आभा देती है।

कार्यक्रम में पूर्व कुलपति प्रो. राम राजेश मिश्र को शॉल, श्रीफल अर्पित कर उनके जन्म दिवस पर सारस्वत सम्मान किया गया। खजुराहो नृत्य समारोह के अंतर्गत कथक कुंभ में सम्मिलित होकर गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में स्थान अर्जित करने वाली विश्वविद्यालय की प्रतिभावान विद्यार्थी नृत्यांगना गौतमी नाईक को सम्मान राशि अर्पित कर सम्मानित किया गया। ललित कला के प्रतिभावान विद्यार्थी कलाकारों को सम्मान राशि अर्पित कर उन्हें सम्मानित किया गया। इनमें सम्मिलित थे, लक्ष्मी कुशवाह, पंकज सेहरा, मुकुल सिंह, जगबंधु महतो, नंदिनी प्रजापति, अक्षित शर्मा, आदित्य चौहान, प्रिंस परमार, जीत दे, अंशी, चांदनी डिगरसे, नैशा खान, सलोनी परमार, अलका कुमारी आदि।

कार्यक्रम में प्रो. गीता नायक, डीएसडब्ल्यू प्रो. एस.के. मिश्रा, प्रो. ज्योति उपाध्याय, प्रो. जगदीश चंद्र शर्मा, प्रो. डी.डी. बेदिया, राधा किशन वाडिया, डॉ. क्षमाशील मिश्रा, डॉ. वीरेंद्र चावरे, बृज खरे, डॉ. सुशील शर्मा, डॉ. आर.पी. शर्मा, डॉ. एल.एन. सिंह रोडिया, डॉ. महिमा मरमट, डॉ. अजय शर्मा, जगदीश शर्मा, संजय आचार्य, अनिल दाता आदि उपस्थित थे। हिंदी अध्ययनशाला, ललित कला अध्ययनशाला और पत्रकारिता एवं जनसंचार अध्ययनशाला के इस संयुक्त आयोजन में प्रारम्भ में स्वागत भाषण ललित कला विभागाध्यक्ष प्रो. जगदीश चंद्र शर्मा ने दिया। श्रीराम स्तुति जनसंचार की छात्रा झलक शिकारी ने प्रस्तुत की।

पारंपरिक रंगोली के माध्यम से ललित कला अध्ययनशाला के विद्यार्थी कलाकारों द्वारा रामनवमी के पावन अवसर पर रामलला स्वरूप का रूपांकन किया गया, जिसे बड़ी संख्या में उपस्थित कला प्रेमियों ने सराहा। इन विद्यार्थी कलाकारों में पंकज सेहरा, मुकुल सिंह, जगबंधु महतो, नंदिनी प्रजापति, लक्ष्मी कुशवाह एवं अक्षित शर्मा सम्मिलित थे। आयोजन में वरिष्ठ कलाकार राधा किशन वाडिया, ब्रज खरे, डॉ. आर.पी. शर्मा आदि सहित अनेक कलाप्रेमियों और सर्जकों की आत्मीय उपस्थिति रही। संचालन प्रो. जगदीश चंद्र शर्मा ने किया। आभार प्रदर्शन प्रो. गीता नायक ने किया।

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