वाराणसी। 9 अप्रैल 2024 मंगलवार से चैत्र नवरात्रि का पर्व प्रारंभ हो रहा है जो 17 अप्रैल तक चलेगी। नवरात्रि में दुर्गा पूजा के पहले कलश और घट स्थापना करके उसकी पूजा की जाती है। आइए जानते हैं कि कैसे करते हैं कलश और घट स्थापना और उसकी पूजा की संपूर्ण विधि:
प्रतिपदा तिथि प्रारम्भ : 08 अप्रैल 2024 को रात्रि 11:50 बजे से।
प्रतिपदा तिथि समाप्त : 09 अप्रैल 2024 को रात्रि 08:30 को।
उदयातिथि के अनुसार 09 अप्रैल 2024 को चैत्र नवरात्रि प्रारंभ होगी।
नवरात्रि प्रारंभ दिनांक : 09 अप्रैल 2024 मंगल से।
नवरात्रि समाप्त दिनांक : 17 अप्रैल 2024 बुधवार को।
नवरात्रि कुल 9 दिनों तक की ही रहेगी।
कलश स्थापना पूजा विधि :
एक तांबे के कलश में जल भरें और उसके ऊपरी भाग पर मौली बांधकर उसे उस मिट्टी के पात्र अर्थात घट के उपर रखें।
अब कलश के ऊपर पत्ते रखें, पत्तों के बीच में मौली बंधा हुआ नारियल लाल कपड़े में लपेटकर रखें।
अब घट और कलश की पूजा करें। फल, मिठाई, प्रसाद आदि घट के आसपास रखें।
इसके बाद गणेश वंदना करें और फिर देवी का आह्वान करें।
अब देवी-देवताओं का आह्वान करते हुए प्रार्थना करें कि ‘हे समस्त देवी-देवता, आप सभी 9 दिन के लिए कृपया कलश में विराजमान हों।
आह्वान करने के बाद ये मानते हुए कि सभी देवतागण कलश में विराजमान हैं, कलश की पूजा करें।
कलश को टीका करें, अक्षत चढ़ाएं, फूल माला अर्पित करें, इत्र अर्पित करें।
नैवेद्य यानी फल-मिठाई आदि अर्पित करें।
कैसे करें घट स्थापना :
घट अर्थात मिट्टी का घड़ा। इसे नवरात्रि के प्रथम दिन शुभ मुहूर्त में ईशान कोण में स्थापित किया जाता है।
घट में पहले थोड़ी सी मिट्टी डालें और फिर जौ डालें।
फिर एक परत मिट्टी की बिछा दें।
एक बार फिर जौ डालें।
फिर से मिट्टी की परत बिछाएं।
अब इस पर जल का छिड़काव करें।
इस तरह उपर तक पात्र को मिट्टी से भर दें।
अब इस पात्र को स्थापित करके पूजन करें।
जहां घट स्थापित करना है वहां एक पाट रखें और उस पर साफ लाल कपड़ा बिछाकर फिर उस पर घट स्थापित करें।
घट पर रोली या चंदन से स्वास्तिक बनाएं।
घट के गले में मौली बांधे और माता की नौ दिन तक पूजा करे।
ज्योतिर्विद् वास्तु दैवज्ञ
पंडित मनोज कृष्ण शास्त्री
मो. 9993874848
जय माता की
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