साहित्यडीपी सिंह की कुण्डलिया Posted on January 11, 2021 by admin वैक्सीन के जन्म पर, छिड़ी सियासी जंग। और बधाई के लिए, छक्के नाचें नंग।। छक्के नाचें नंग, तंग है गली मुहल्ला। उनकी कोई पूछ नहीं जिनका है लल्ला।। यादव-मुस्लिम छोड़, काम कर दीन हीन के। बता क़ायदे और, फ़ायदे वैक्सीन के।। Post Views: 8 डॉ निर्मला राजपूत की कविता : हां मैं हिंदुस्तानी नारी हूं विवेकानंद जी की पुण्यतिथि पर खिदिरपुर में सरकारी योजनाओं के कैंप का आयोजन
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