किशन सनमुखदास भावनानी की व्यंग कविता : सट्टेबाजी

।।सट्टेबाजी।।
किशन सनमुखदास भावनानी

मैं हूं बहुत बड़ा काम काजी
मेरा घर परिवार है मुझसे राजी
ऐशो आराम देता हूं पलटा के बाजी
माहिर हूं करता हूं सटीक सट्टेबाजी

चुनाव आया अल्टापलटी होगी रोज ताजी
रोज भाव खुलेगा पलटती रहेगी बाजी
सरकार को भी नहीं पता चलेगी बाजी
माहिर हूं करता हूं सटीक सट्टेबाजी

पक्ष में भाव तगड़ा हुआ तो ऊपर सब राजी
रिजल्ट के दिन जीतूंगा बाजी
पुरस्कार मिलेगा पलटेगी मेरी बाजी
माहिर हूं करता हूं सटीक सट्टेबाजी

मुझसे मेरे दोस्त हैं राजी
चुनाव की अपडेट देता हूं ताजी
बड़ा दांव लगा रहे हैं सट्टेबाजी
माहिर हूं करता हूं सटीक सट्टेबाजी

मेरे अंदाज लगाने में सब है राजी
जीत देता हूं हारी हुई बाजी
अंदाज और खबरें बताता हूं ताजी
माहिर करता हूंकरता हूं सटीक सट्टेबाजी

ताज़ा समाचार और रोचक जानकारियों के लिए आप हमारे कोलकाता हिन्दी न्यूज चैनल पेज को सब्स्क्राइब कर सकते हैं। एक्स (ट्विटर) पर @hindi_kolkata नाम से सर्च करफॉलो करें।

एडवोकेट किशन सनमुखदास भावनानी : संकलनकर्ता, लेखक, कवि, स्तंभकार, चिंतक, कानून लेखक, कर विशेषज्ञ

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

7 − seven =